महाकुंभ 2025 का पहला स्नान भव्यता और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण रहा। प्रयागराज में संगम तट पर आज पहले स्नान के दिन करीब 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश से भक्त पहुंचे हैं, जिसमें 20 देशों के श्रद्धालु भी शामिल हैं।
ब्राजील से आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा-
मैं योग का अभ्यास करता हूं। मोक्ष की खोज कर रहा हूं। भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। जय श्रीराम।
आयोजन की मुख्य बातें:
- 144 साल का दुर्लभ खगोलीय संयोग: यह महाकुंभ इस अद्वितीय खगोलीय घटना के कारण और भी विशेष बन गया है।
- फूलों की वर्षा: भक्तों पर 20 क्विंटल फूलों की बारिश की जा रही है, जो इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा रही है।
- सुरक्षा प्रबंध: 60,000 जवान, कमांडो, और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए हैं। संगम पर एंट्री के सभी रास्तों पर भक्तों की भीड़ को मैनेज करने के लिए स्पीकर से निर्देश दिए जा रहे हैं।
- पैदल यात्रा: वाहनों की एंट्री बंद होने के कारण श्रद्धालु रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप से 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं।
विदेशी श्रद्धालुओं की उपस्थिति:
ब्राजील से आए फ्रांसिस्को ने कहा, “भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की तलाश में यहां आया हूं। जय श्रीराम।”
अन्य विशेष घटनाएं:
स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स: उन्होंने निरंजनी अखाड़े में अनुष्ठान किया और कल्पवास का संकल्प लिया।
गूगल का खास फीचर: गूगल ने महाकुंभ के सम्मान में एक विशेष फीचर लॉन्च किया है। “महाकुंभ” टाइप करने पर वर्चुअल फूलों की बारिश होती है।
कल्पवास का आरंभ:
आज से कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं ने 45 दिन का कल्पवास शुरू कर दिया है। यह परंपरा तप, ध्यान और संयम का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रचार-प्रसार भी करता है।