सरकार एक तरफ जहां सूबे के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रही है, जिससे लोगों को बेहतर और त्वरित उपचार मिल सके। लेकिन बस्ती मेडिकल कॉलेज का हाल काफी बेहाल है, यहां अन्य जरुरी चिकित्सीय सुविधाओं के साथ ही मरीजों के लिए वेंटिलेटर भी उपलब्ध नहीं है। ऐसा नहीं है की बस्ती के महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज में एक भी वेंटीलेटर नहीं है, सरकार की ओर से बस्ती मेडिकल कॉलेज को 156 वेंटिलेटर दिया गया है, लेकिन उसमें से सिर्फ नाम मात्र के ही वेंटीलेटर परफॉर्मिंग हैं। बाकी के सभी स्टोर रूम में पड़े धूल फांक रहे हैं.
बारिश का महीना शुरू होते ही संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे गंभीर संचारी रोगी, साथ ही दुर्घटना में घायल गंभीर मरीजों को भी तुरंत ही वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है। लेकिन बस्ती मेडिकल कॉलेज में आईसीयू, पीसीयू और इमरजेंसी मिलाकर कुल 25 वेंटीलेटर ही मौके पर परफार्मिंग हैं। बाकी के 131 वेंटीलेट स्टोर रूम मे पड़े पड़े धूल फांक रहे हैं।
आपको बता दें कि पिछले एक महीने में बस्ती मेडिकल कॉलेज में वेंटीलेटर की जरूरत वाले सौ से अधिक मरीजों को रिफर किया गया है। जबकि यहां पर 156 वेंटीलेटर की जरुरत वाले मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। सरकार की ओर जितने वेंटीलेटर बस्ती मेडिकल कॉलेज के लिए मिले हैं, अगर सभी को उपयोग में लाया जा रहा होता तो शायद जिले के मरीजों को राहत हो जाती।
मेडिकल कॉलेज संबद्ध कैली हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ. ए. एन. प्रसाद ने बताया कि उनके यहां स्टाफ की भारी कमी है, उनको 12 अतरिक्त वेंटिलेटर टेक्नीशियन की जरूरत है, जिससे स्टोर रूम में पड़े बाकी के भी वेंटीलेटर को चलाया जा सके।
बस्ती से संवाददाता धर्मेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट।