उत्तर प्रदेश में 24 फरवरी से शुरू हो रहे बोर्ड परीक्षाओं को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। परीक्षा को नकलविहीन और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रदेश के 17 जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इन जिलों में सख्त निगरानी रखी जाएगी और नकल माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई होगी।
संवेदनशील घोषित जिलों की सूची
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पिछली परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और सामूहिक नकल के मामलों को ध्यान में रखते हुए 17 जिलों को संवेदनशील माना है। इन जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी। संवेदनशील घोषित जिलों में शामिल हैं:
गोंडा, आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर और देवरिया।
परीक्षा के दौरान विशेष सख्ती
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षा तिथियों के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा जाए।
- नकल माफियाओं और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- डीएम की अध्यक्षता में बैठकें आयोजित कर परीक्षा को नकलमुक्त बनाने की रणनीति बनाई जाएगी।
- प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।
सख्त निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित
- परीक्षा की निगरानी के लिए राज्य, जिला और क्षेत्रीय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
- राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम सभी 75 जिलों के परीक्षा केंद्रों की निगरानी करेगा।
- जिला स्तर पर डीएम द्वारा नामित अधिकारी परीक्षा की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।
- किसी परीक्षा केंद्र पर अनियमितता मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यूपी बोर्ड परीक्षा को पारदर्शी और नकलमुक्त बनाने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है। संवेदनशील जिलों में कड़ी निगरानी और सुरक्षा उपायों से नकल माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा। परीक्षार्थियों के लिए निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षा का माहौल सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होगी।