उत्तर प्रदेश के तेजी से विकसित हो रहे औद्योगिक शहर ग्रेटर नोएडा को और अधिक स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रिलायंस बायो एनर्जी कंपनी को 300 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता वाला बायो CNG प्लांट स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह प्लांट अस्तौली गांव में 11.5 एकड़ जमीन पर तैयार किया जाएगा, जिसे प्राधिकरण ने 25 साल के लिए लीज पर उपलब्ध कराया है।
रिलायंस बायो एनर्जी ने शुरू किया निर्माण, मार्च 2025 में हुआ एग्रीमेंट
इस परियोजना को लेकर सितंबर 2024 में आरएफपी प्रक्रिया के तहत रिलायंस बायो एनर्जी का चयन किया गया था। मार्च 2025 में प्राधिकरण के साथ आधिकारिक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए। इसके तुरंत बाद कंपनी ने प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस के अनुसार, इस प्लांट में रोजाना 300 टन गीले कूड़े का प्रोसेसिंग कर बायो सीएनजी गैस तैयार की जाएगी, जिसे आगे वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा।
प्राधिकरण को मिलेगी 225 रुपये प्रति टन की रॉयल्टी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में प्राधिकरण को कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा। इसके उलट, प्रत्येक टन गीले कूड़े के प्रोसेसिंग पर 225 रुपये की रॉयल्टी प्राधिकरण को प्राप्त होगी। इस तरह ग्रेटर नोएडा न सिर्फ स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ेगा, बल्कि राजस्व के नए स्रोत भी विकसित होंगे।
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि यह प्लांट अगले 18 महीनों में तैयार हो जाएगा और इसके शुरू होने से शहर की कचरा प्रबंधन समस्या को बड़ी राहत मिलेगी।
हरित ऊर्जा की ओर बढ़ता ग्रेटर नोएडा
बायो सीएनजी प्लांट के माध्यम से गीले कूड़े से हरित ऊर्जा का उत्पादन, पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्लांट न सिर्फ वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन तैयार करेगा, बल्कि कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा भी सुनिश्चित करेगा। इसके चलते शहर में लैंडफिल पर निर्भरता कम होगी और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।