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GNIDA News: ग्रेटर नोएडा में जल्द 4000 किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) जल्द ही किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ऐप लॉन्च करने जा रहा है।

By: Desk Team  RNI News Network
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GNIDA News: ग्रेटर नोएडा में जल्द 4000 किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) जल्द ही किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ऐप लॉन्च करने जा रहा है। इस नई प्रणाली के तहत उन किसानों को 6%, 8% और 10% विकसित भूखंड दिए जाएंगे जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

ऑनलाइन प्रक्रिया से किसानों को होगा फायदा

नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से किसान खुद अपनी पात्रता के दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे। आवेदन के स्वीकृत होते ही किसान अपनी एप्लिकेशन की स्थिति को ऐप के जरिए ट्रैक कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्हें भूखंड सबडिवीजन और अन्य दिशा-निर्देशों की जानकारी भी ऐप पर उपलब्ध होगी।

इस ऐप से प्राधिकरण के विभिन्न विभागों जैसे प्लानिंग और लैंड विभाग के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय होगा। अधिकारी इस ऐप के माध्यम से आवेदनों की जांच, लैंड रिकॉर्ड प्रबंधन और अन्य कार्यों को अधिक कुशलता से कर सकेंगे।

अधिकारियों को मिलेगा विशिष्ट एक्सेस

इस सॉफ्टवेयर पर ओएसडी (लैंड), सीनियर मैनेजर (प्रोजेक्ट और प्लानिंग), असिस्टेंट मैनेजर (प्लानिंग), और मैनेजर (6% आबादी भूखंड) जैसे अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र के अनुसार विशेष एक्सेस दिया जाएगा। इससे अधिकारी भूखंड आवंटन प्रक्रिया को स्वीकृत करने, सबडिवीजन मैनेज करने और लैंड रिकॉर्ड को बनाए रखने में सक्षम होंगे।

16 जनवरी तक कंपनियों से आवेदन आमंत्रित

प्राधिकरण ने इस प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनियों और स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया है। इच्छुक कंपनियां 16 जनवरी तक आवेदन कर सकती हैं। स्टार्टअप्स को इनोवेटिव आइडिया या समाधान पेश करने पर पात्रता मानदंड में छूट दी जाएगी।

4000 किसानों को मिलेगा लाभ

अधिकारियों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 4,000 से अधिक किसानों को अभी तक उनके आबादी भूखंड नहीं मिले हैं। पिछले साल हाईपावर कमेटी ने छह महीने के भीतर इन किसानों को विकसित भूखंड देने की सिफारिश की थी।

इसके बाद तीन प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया। यह नई पहल प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगी, जिससे किसानों को समय पर उनका अधिकार मिल सके।

अलग-अलग प्राधिकरणों में भूखंड आवंटन की दरें भिन्न

ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण के बदले 6% आबादी भूखंड दिए जाते हैं, जबकि नोएडा में यह दर 5% और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 7% है। समिति की सिफारिशों के बाद प्राधिकरण ने कई शिविरों का आयोजन किया, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसानों को उनके भूखंडों का कब्जा नहीं मिला है।

नई प्रणाली से पारदर्शिता और सुविधा की उम्मीद

इस ऐप के लॉन्च होने के बाद भूखंड आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी। यह पहल न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएगी बल्कि किसानों के अधिकारों को समय पर सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी।

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