मथुराः तीर्थनगरी वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के पास बड़ा हादसा हो गया है। मंदिर से कुछ दूरी पर एक जर्जर मकान का छज्जा गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव टीम मौके पर पहुंची और शवों को बाहर निकल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया। मरने वालों में देवरिया निवासी चंदन राय, कानपुर निवासी अरविंद यादव, गीता कश्यप, रश्मि गुप्ता और पंजाब निवासी अंजू शामिल हैं। घायलों को सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरा मामला वृंदावन के बांके बिहारी और स्नेह बिहारी मंदिर के समीप का है, जहां ये बड़ा हादसा हुआ है।
बता दें कि वृंदावन में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई व्यवस्था ही नहीं है। यहां तक कि बांके बिहारी के दर्शनों के लिए लाइन लगाने का कोई सिस्टम ही नहीं है। लोग बड़ी मुश्किल से भीड़ में धक्का-मुक्की खाकर मंदिर तक पहुंच पा रहे हैं। आलम ये है कि बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भीड़ में पिसकर रह जाते हैं। लेकिन प्रशासन के आला अधिकारी हैं कि वो चैन की नींद सो रहे हैं। खासकर जब से जिलाधिकारी पुलकित खरे ने मथुरा का चार्ज संभाला है तब से वृंदावन के लिए कोई नई नीति नहीं बनाई गई है। जिसका नतीजा ये है कि मंदिर और उसके आसपास श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ हो रही है। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
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गौरतलब है कि पिछले साल भी बांके बिहारी के दर्शन करने वृंदावन आए दो श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी थी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ठाकुर बांके बिहारी की मंगला आरती के दौरान भीड़ में दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और अब एक बार फिर हुए हादसे में पांच भक्तों की मौत हो गई। जबकि इससे कई गुना ज्यादा भीड़ वैष्णोदेवी मंदिर और कामाख्य देवी मंदिर में लगती है। लेकिन व्यवस्थाएं सुचारू होने के चलते श्रद्धालु अपने अराध्य के दर्शन आसानी से कर पाते हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी मृतकों के परिजनों को 4- 4 लाख रुपए की सहायता राशि और सभी घायलों का मुफ्त इलाज की घोषणा करते हुए जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। बहरहाल नगर निगम को शहर में ऐसे मकानों को चिन्हित करना चाहिए जो बहुत पुराने हैं और जर्जर हालात में हैं और उन पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करनी होगी। ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके। फिलहाल इस हादसे के बाद फिर से जिला और नगर निगम की कार्यशैली कठघरे में खड़ी हो गई है।
मथुरा से संवाददाता शिवम चौधरी व रविकांत चौधरी की रिपोर्ट