नोएडाः एसटीपी प्लांट के जरिए पांच साल में 5 लाख टन कार्बन इमिशन को कम करेगा। इसके लिए यहां संचालित चार एसटीपी (सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) को सोलर ऊर्जा से चलाया जाएगा। इसके लिए 6 मेगावाट का सोलर एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा। ये प्लांट सभी छह एसटीपी को संचालित करने में लगने वाली बिजली खपत को आधा कर देगा। वर्तमान में एक एसटीपी प्लांट को चलाने में 2 मेगावाट बिजली लगती है।
रोजाना 1000 यूनिट खपत होगी कम
प्राधिकरण के महाप्रबंधक जल-सीवर आरपी सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि बिजली की एक यूनिट कम करने से 30 ग्राम कार्बन रेडिएशन की बचत होती है। वर्तमान में एक एसटीपी में रोजाना 2000 यूनिट खपत कर रहा है। सोलर पैनल लग जाने से रोजाना करीब 1000 यूनिट की खपत कम हो जाएगा। ऐसे में रोजाना कई किलों कार्बन रेडिएशन को कम किया जा सकेगा। इसकी वजह नोएडा में बढ़ते प्रदूषण स्तर को कम करना है।
नोएडा को बना रहे सोलर सिटी
2024-25 के बजट में नोएडा को सोलर सिटी के रुप में विकासित करने का रोड मैप तैयार किया गया है। इस रोडमैप के अनुसार ही यहां चलने वाले सभी एसटीपी को सोलर एनर्जी से संचालित किए जाएंगे। इसके अलावा स्ट्रीट लाइटों को भी सोलर एनर्जी से चलाया जाएगा। सभी एसटीपी प्लांट के लिए सोलर एनर्जी प्लांट लगाने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। इसमें कितना खर्च आएगा डीपीआर तैयार की जा रही है।