मेरठ शहर की ट्रैफिक समस्या और जर्जर सड़कों से जल्द राहत मिलने वाली है। नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण (MEDA) ने मिलकर 250 करोड़ रुपये की लागत से 8 प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण और 80 करोड़ रुपये से बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण की योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि ये सड़कें बंगलूरू और चेन्नई की तर्ज पर बनाई जाएंगी। इन सड़कों में 3 मीटर चौड़े डिवाइडर, सभी यूटिलिटी लाइनों को अंडरग्राउंड करने की योजना है। यह न केवल सुरक्षा बढ़ाएगा बल्कि मरम्मत के नाम पर बार-बार सड़कों को खोदने की समस्या भी समाप्त होगी।
1. गांधी आश्रम से तेजगढ़ी चौराहा – ₹47.34 करोड़
2. कमिश्नरी से बच्चा पार्क – ₹27.71 करोड़
3. मेट्रो प्लाजा से दिल्ली चुंगी (शारदा रोड होकर) – ₹20.21 करोड़
4. भोलेश्वर मंदिर से पीवीएस मॉल (गढ़ रोड) – ₹26.69 करोड़
5. ट्रांसपोर्ट नगर से दिल्ली रोड (बागपत रोड) – ₹36 करोड़
6. सर्किट हाउस से मोहनपुरी होकर गांधी आश्रम – ₹38.76 करोड़
7. हापुड़ अड्डा से रंगोली मंडप तक
8. (शेष सड़क प्रस्तावित है – प्रक्रिया जारी)
इन सड़कों में से 6 सड़कों का प्रस्ताव पास हो चुका है, और 3 सड़कों की टेंडर प्रक्रिया अंतिम दौर में है। वित्तीय मंजूरी मिलते ही इन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। नगर निगम का दावा है कि इन सड़कों के बनने से मेरठ की 80% ट्रैफिक समस्या का समाधान होगा।
बिजली बंबा बाईपास, जो कि हापुड़ रोड और दिल्ली रोड को जोड़ता है, अब मेरठ की लाइफलाइन बन चुका है। रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के चलते इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है—जहां पहले 35–40 हजार वाहन गुजरते थे, अब 80–90 हजार वाहन रोज इस मार्ग से निकलते हैं।
चौड़ीकरण के लिए शुरू में 500 किसानों को पत्र भेजकर मुआवजे या एफएआर छूट का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अधिकांश किसानों ने इन्कार कर दिया। इसके बाद वायाडक्ट के जरिए रजबहे की भूमि पर सड़क बनाने का निर्णय लिया गया।