उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते 8 वर्षों में कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनका गहरा प्रभाव राज्य की छवि, प्रशासनिक व्यवस्था और विकास पर पड़ा है। योगी सरकार ने न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि शिक्षा, महिला सुरक्षा, किसानों और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए भी ठोस निर्णय लिए। यहाँ हम उन 8 महत्वपूर्ण फैसलों की बात कर रहे हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को एक नई दिशा दी।
नवंबर 2020 में लागू किया गया “उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम” जबरन या धोखे से कराए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़ा कदम था। इस कानून के तहत 10 साल तक की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना तय किया गया। इस पहल से महिला सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को मजबूती मिली।
अक्टूबर 2020 में शुरू हुए “मिशन शक्ति” अभियान के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को प्राथमिकता दी गई। Anti-Romeo Squads ने छेड़छाड़ के 32 हजार से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की। कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत 22 लाख बेटियों को आर्थिक सहायता मिली, जबकि हेल्पलाइन 112 और 181 ने आपातकालीन सहायता को बेहतर बनाया।
सरकार ने किसानों को राहत देते हुए 1 अप्रैल 2024 से निजी नलकूप उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 100% छूट देने की घोषणा की। इससे 4 लाख से ज्यादा नलकूपों को जोड़ा गया और 3,000 से अधिक ग्रामीण फीडर अलग कर विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई।
2022 में योगी सरकार ने State Health Card योजना शुरू की, जिससे राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। इसमें कार्ड धारकों की संपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से स्टोर की जा रही है।
2024 में परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने के लिए एक नया कानून लाया गया, जिसमें पेपर लीक या नकल पर 3 से 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान है। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।
राज्य में जलमार्गों के माध्यम से किफायती और हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए “उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण” का गठन किया गया। गंगा और यमुना समेत 11 राष्ट्रीय जलमार्गों के माध्यम से व्यापार और यातायात को नया विकल्प मिल सकेगा।
दिल्ली की NCR मॉडल पर योगी सरकार ने लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर “राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR)” बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 6 जिलों के 27,826 वर्ग मीटर क्षेत्र को शामिल किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
1976 के बाद पहली बार योगी सरकार ने नया औद्योगिक शहर “बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA)” बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। झांसी के 33 गांवों को मिलाकर इस क्षेत्र को औद्योगिक रूप से विकसित किया जाएगा, जिससे बुंदेलखंड में रोजगार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।