यूपी सरकार पुनर्वास राहत पैकेज के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के करीब 60 प्रतिशत रुकी हुई बिल्डर परियोजनाओं को फायदा मिला है। गौतमबुद्धनगर की 161 परियोजनाओं में से 93 परियोजना पर इस पैकेज की मदद से अगले साल तक 63,000 से अधिक फ्लैट के रजिस्ट्रेशन की सुविधा की उम्मीद है।
अधिकारियों ने सीएम को बैठक में बताया कि इन 93 परियोजनाओं के डेवलपर्स ने अब तक 953 करोड़ रुपए जमा किए हैं। अगले साल तक इनसे अतिरिक्त 2,250 करोड़ रुपए जमा होने की उम्मीद है।
जो डेवलपर नहीं ले रहे पैकेज का लाभ उनके खिलाफ हो एक्शन
वहीं सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो डेवलपर पैकेज का फायदा नहीं ल रहे हैं। उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। इसके तहत उनकी भूमि आवंटन रद्द किया जाए। खाली या गैर-आवंटित फ्लैट को सील कर दिया जाए। अनिर्मित या खाली जमीनों को लीज डीड रद्द कर फिरसे वापस लिया जाए।
तीनों प्राधिकरण की ये है वास्तविक स्थिति
बता दें कि नोएडा में 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 22 डेवलपर ने पैकेज को स्वीकार कर लिया है। इन सभी को कोविड के अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक दो साल का जीरो पीरियड का फायदा मिला है। नोएडा प्राधिकरण को इन परियोजनाओं से अब तक 304.35 करोड़ रुपए मिले। आने वाले साल में 904 करोड़ रुपए एकत्र करने की उम्मीद है। जिससे 7,763 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकती है।
ग्रेटर नोएडा में 98 डिफॉल्ट परियोजनाओं में से 66 ने पैकेज लिया। डेवलपर्स ने प्राधिकरण को 429 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। जबकि आने वाले समय में अतिरिक्त 965 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। इससे 48,776 फ्लैट की रजिस्ट्री हो सकती है।
YEIDA क्षेत्र में 6 डिफॉल्टर परियोजनाओं में से 5 ने अब तक 172 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं। अतिरिक्त 375 करोड़ रुपए और जमा करने की उम्मीद है। इससे 6,879 फ्लैट का पंजीकरण होगा। अब तक तीनों प्राधिकरण में 8,000 से अधिक फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है।
NGT के तहत मिलेगा जीरो पीरियड का फायदा
जिन बिल्डर ने अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत 25 प्रतिशत पैसा जमा करके पैकेज को स्वीकार किया है। उन बिल्डरों को एनजीटी के तहत जीरो पीरियड का फायदा दिया जाएगा। इस बीच रियल एस्टेट निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील की है कि डेवलपर्स को अपना बकाया भुगतान करने और निर्माण पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मुहैया कराई जाए।