इन 10 पवित्र मिट्टी से बनती है मां दुर्गा की प्रतिमा
ABHINAV TIWARI
देश भर में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में मां
दुर्गा
की मूर्ति बनाने के लिए कई नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता है।
माता की मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी भी खास जगहों से ही ली जाती हैं और हर स्थान की मिट्टी का अपना एक अलग महत्व और नाम होता है।
ऐसे में आइए इस वेबस्टोरी से जानते हैं कि मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए 10 तरह की पवित्र मिट्टी कहां मिलती है।
1. वेश्यालय की मिट्टी
ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा ने वरदान दिया था कि वेश्यालय की मिट्टी से बनाई गई मूर्ति की स्थापना करने से ही उनका व्रत फलीभूत होगा।
2. वाराह दंत मिट्टी
सुअर के दांत की मिट्टी। इसका रंग हल्का पीला होता है। बड़ी प्रतिमाएं बनाने के लिए ज्यादातर इसी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।
3. गंगा की मिट्टी
मूर्ति कलाकारों के अनुसार गंगा की मिट्टी से ही मां दुर्गा की मूर्ति का चेहरा बनाया जाता है।
4. वाल्मीकि मिट्टी
दलित के घर की मिट्टी का इस्तेमाल भी सदियों से देवी की प्रतिमा बनाने के लिए होता है।
5. पर्वत की मिट्टी
पर्वत यानी पहाड़ी क्षेत्रों से प्राप्त मिट्टी में कई तरह के खनिज पाए जाते हैं, जो मूर्ति को टिकाऊ बनाने में मदद करते हैं।
6. गजदंत मिट्टी
गजदंत मिट्टी यानी वह मिट्टी जो हाथी के दांत से छुई हुई हो। यह आमतौर पर नदियों के किनारे, तलाबों के आसपास के इलाकों में ही मिलती है।
7. नौदीप मिट्टी
यह मिट्टी झील के आसपास के एरिया से ली जाती है, जिससे मूर्ति अच्छी बने।
8. उभयकुल मिट्टी
उभयकुल मिट्टी किसी नदी के दोनों छोर की मिट्टी होती है। माता की मूर्ति बनाने के लिए पवित्र नदियों के किनारे से मिट्टी ली जाती है।
9. राज दरबार मिट्टी
माता की प्रतिमा बनाने के लिए पहले मिट्टी राजाओं के दरबार से लाई जाती थी। पर अब ये परंपरा शायद ही कहीं हो।
10. चतुस्पद मिट्टी
यह मिट्टी ऐसी जगह से आती है, जहां पर 4 रास्ते निकलते हों और वह जगह पवित्र हो।
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