कैसे होती है भारत के चीफ जस्टिस की नियुक्ति?

Abhinav Tiwari

अगले CJI के संदर्भ में मौजूद CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं। CJI के पद पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की होनी चाहिए, जिन्हें इस पद पर रहने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

सिफारिश प्राप्त होने के बाद, केंद्रीय विधि, न्याय मंत्री... प्रधानमंत्री को सिफारिश प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री यह नाम देश के राष्ट्रपति को भेजते हैं।

देश के राष्ट्रपति होने वाले अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम पर मुहर लगाते हैं। इस तरह से CJI की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

भारत के चीफ जस्टिस का कार्यकाल

CJI 65 वर्ष की आयु तक पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि, CJI राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देकर 65 वर्ष की आयु से पूर्व भी पद से हट सकते हैं।

भारत के चीफ जस्टिस की सैलरी

CJI के वेतन, भत्ते एवम् विशेषाधिकार, अवकाश और पेंशन संसद द्वारा तय किये जाते हैं। CJI का वेतन, पेंशन और भत्ता भारत की सचित निधि(Consolidated Fund) से दिया जाता है।

आपको बता दें कि भारत के पहले चीफ जस्टिस हरीलाल जे. कानिया थे।

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