महाकुंभ में हर अखाड़े का अपना महत्व है, आइए जानते हैं अखाड़ों के बारे में...

Abhinav Tiwari

कुंभ में अखाड़ा भक्तों के लिए विशेष आकर्षण होता है। हर अखाड़े का अपना महत्व है, आइए जानते है अखाड़ो से जुड़ी कुछ बातें...

अखाड़ों की शुरुआत आदि शंकराचार्य ने की थी। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र विद्या में निपुण साधुओं के संगठन बनाए थे। फिलहाल वर्तमान में अभी कुल 13 अखाड़े हैं, जिन्हें 3 भाग शैव, वैष्णव और उदासीन में बांटा गया है।

'शैव अखाड़े'   शैव संप्रदाय के कुल सात अखाड़े हैं। ये अखाड़े भगवान शिव को अपना आराध्य मनाते हैं।

'वैष्णव अखाड़ा'   वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े हैं, जो भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा करते हैं।

'उदासीन अखाड़े' उदासीन संप्रदाय के भी तीन अखाड़े हैं, इस अखाड़े की अनुयायी 'ॐ' की पूजा करते हैं।

सबसे बड़ा अखाड़ा या कहें अखाड़ों में सबसे बड़ा अखाड़ा जूना अखाड़ा है। इसकी स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी। कहते हैं इस अखाड़े में 5 लाख नागा सन्यासी और महामंडलेश्वर हैं।

THANK' S FOR READING