रात में ओवरथिंकिंग क्यों करते हैं लोग? जानिए 7 अहम कारण
Abhinav Tiwari
अक्सर लोग दिनभर व्यस्त रहने के बाद जब रात को बिस्तर पर लेटते हैं, तो उनका दिमाग अचानक तेज़ी से सोचने लगता है।
यह सोच कभी इतना गहराता है कि बेचैनी, चिंता और नींद की कमी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। आइए जानते हैं रात में ओवरथिंकिंग के पीछे के प्रमुख कारण:
1. तनाव और चिंता का प्रभाव दिनभर के कामकाज, जिम्मेदारियां और समस्याएं रात के समय याद आने लगती हैं। जब शरीर शांत होता है, तो दिमाग में वही अधूरी बातें घूमने लगती हैं।
2. नींद की कमी पर्याप्त नींद न मिलने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता, जिससे वह ज्यादा एक्टिव होकर बार-बार सोचने लगता है।
3. अतीत की गलतियां और पछतावा रात के सन्नाटे में अक्सर पुराने फैसले, गलतियां या खोए हुए मौके याद आते हैं, जिससे मानसिक उलझन और पछतावा बढ़ता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं यदि व्यक्ति पहले से ही चिंता (Anxiety), अवसाद (Depression) या किसी अन्य मानसिक समस्या से जूझ रहा है, तो ओवरथिंकिंग और अधिक बढ़ सकती है।
5. अनुचित खानपान रात को तैलीय, मसालेदार या ज्यादा खाना लेने से नींद बाधित होती है, जिससे व्यक्ति जागता रहता है और विचारों में खो जाता है।
6. भविष्य की चिंता करियर, रिश्ते, आर्थिक स्थिति या किसी निर्णय को लेकर आने वाले समय की चिंता भी रात में सोचने को मजबूर करती है।
7. दिनभर की घटनाओं का विश्लेषण दिनभर की नकारात्मक या भावनात्मक घटनाएं बार-बार दिमाग में चलती रहती हैं, और व्यक्ति सोचते-सोचते थक जाता है लेकिन सो नहीं पाता।
रात का समय मानसिक विश्राम का होता है, लेकिन जब दिमाग अतीत या भविष्य में भटकने लगता है, तो ओवरथिंकिंग शुरू हो जाती है।
इससे बचने के लिए दिनभर के तनाव को दिन में ही हल करने की कोशिश करें, सोने से पहले रिलैक्सिंग एक्टिविटी करें और अपने खानपान तथा नींद के समय को नियमित रखें। जरूरत पड़े तो किसी विशेषज्ञ से मदद लेना भी एक सही कदम हो सकता है।