मैदा में ज्यादा स्टार्च होने के कारण, मोटापा बढ़ता है। बिजी लाइफ में ज्यादातर लोग नाश्ते में ब्रेड खाना पसंद करते हैं।
मैदे का पराठा, पुरी, कुल्चा और नान भी लोग खूब शौक से खाते हैं। पिज्जा, बर्गर, मोमोज, बिस्किट बनाने के लिए भी मैदे का ही इस्तेमाल किया जाता है, जो कि सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
डाइटरी फाइबर की कमी की वजह से मैदा बहुत चिकना और महीन हो जाता है, जिससे आंतों में यह चिपकने लगता है।
इस वजह से कब्ज की समस्या भी हो सकती है और यह बाद में बदहजमी की भी वजह बनता है।
मैदे में बहुत ज्यादा स्टार्च होता है, जिसे खाने से मोटापा बढ़ता है जो धीरे-धीरे बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाता है।
आटे से बना मैदा एक ऐसे प्रोसेस से होकर गुजरता है जिससे गेहूँ का सारा प्रोटीन खत्म हो जाता है जो बाद में जाकर एसिडिटी का कारण बनता है।
हड्डियों से कैल्शियम कम होता है और जिससे ये कमजोर होने लगती हैं।
V
मैदा ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है, जिसकी वजह से खून में ग्लूकोज जमने लगता है जो शरीर में केमिकल रिएक्शन का कारण बनता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा की राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।