विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसकी मात्रा कम होने पर भी समस्या हो सकती है और जरूरत से ज्यादा होने पर भी नुकसान पहुँचा सकता है।
धूप विटामिन डी का बढ़िया स्त्रोत है। शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर डॉक्टरों की सलाह पर ही विटामिन डी का सेवन करना चाहिए।
जरूरत से ज्यादा विटामिन डी खाने से ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है, जिससे शरीर के टिशूज को नुकसान पहुंच सकता है।
इससे किडनी फेल होने का खतरा, किडनी में इंजरी, किडनी में पथरी होने की आशंका बढ़ जाती है।
अधिक विटामिन डी के सेवन से खून में कैल्शियम फॉस्फेट का स्तर बढ़ जाता है। उनसे बने क्रिस्टल फेफड़ो में जमा होने लगते हैं, जो फेफड़ो को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
शरीर में ज्यादा मात्रा में विटामिन डी का होना आंतों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। खून में कैल्शियम बढ़ने से डायरिया, पेट में दर्द और कब्ज की शिकायत होने लगती है।
अधिक विटामिन डी का सेवन ब्लड में कैल्शियम बढ़ाता है, इससे हड्डियों को मजबूत बनाने वाले हार्मोन का बनना रुक जाता है।
इससे हड्डियों से जुड़ी गंभीर समस्या होने लगती है। जोड़ों के दर्द के अलावा चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा की राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।