जैसा दर्द वैसी दवा

ABHINAV TIWARI

कटने, जलने, सूजन होने पर ही नहीं बल्कि टिश्यू को नुकसान होने पर भी दर्द होता है।

दर्द एक प्रकार से फिजिकल से ज्यादा इमोशनल करने वाला एक्सपीरिएंस है।

पेन दो तरह के होते हैं- एक जो कुछ समय के लिए होता है और दूसरे वो दर्द जो लंबे समय तक रहता है। जैसे कैंसर, आर्थराइटिस और न्यूरो से जुड़ी बीमारियां।

दर्द बॉडी के डिफेंस सिस्टम का एक हिस्सा है। दर्द तब तक होता है जब तक घाट भर न जाए। कहने का तात्पर्य है की टिश्यू की मरम्मत जब तक न हो जाए तब तक दर्द होता रहता है।

हर व्यक्ति की शारीरिक बनावट और मैकेनिज्म अलग-अलग होता है इसलिए जैसा दर्द होता है उसकी दवा भी उसी रूप में होता है।

यह पोस्ट समान्य जानकारी के आधार पर आधारित है और पब्लिक डोमेन में उपस्थित है "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं लेता है। 

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