सांप-बिच्छु का जहर बेअसर करे नागकेसर

ABHINAV TIWARI

मान्यता है कि सफेद-पीले रंगों वाले नागकेसर के फूल भगवान शिव को बहुत पसंद है।

वास्तुदोष दूर करने से लेकर समृद्धि और तंत्र साधना तक में इन फूलों का इस्तेमाल किया जाता है।

नागकेसर के सूखें फलों से दवाएं और मसाले भी बनते हैं। इन फूलों से बने रंग से रेशम रंगा जाता है।

इसकी लकड़ी इतनी मजबूत होती है कि उसे काटने में कुल्हाड़ी की धार खराब हो जाती है।

नागकेसर को वज्रकाठ भी कहते हैं। नागकेसर को नागचंपा, नागेसर भी कहते हैं।

नागकेसर शरीर से जहरीले तत्व को निकालने में मदद करता है। शरीर में सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

सांप, बिच्छु के काटने वाली जगह पर इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से दर्द और जलन में राहत मिलती है।

शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले तत्व बाहर निकल जाने से लिवर हेल्दी रहता है।

इसे खाने से कॉलेस्ट्राल लेवल कंट्रोल में रहता है और दिल मजबूत करता है। जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

यह पोस्ट समान्य जानकारी के आधार पर आधारित है और पब्लिक डोमेन में उपस्थित है "यूपी की बात" न्यूज़ चैनल इस जानकारी की पुष्टि और जिम्मेदारी नहीं लेता है। 

THANK'S FOR READING