नोएडा में कूड़ा निपटान की समस्याओं को दूर करने के लिए 40 टन क्षमता वाला टीपीडी (ट्रीटमेंट एंड प्रोसेसिंग डिस्पोजल) प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस प्लांट के तहत 15 टन मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और 25 टन बायो-मैथेनाइजेशन के माध्यम से कूड़े का निपटान किया जाएगा। इसके अलावा, गीले कूड़े के निपटारे के लिए वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट भी स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए उचित स्थान की तलाश जारी है।
सेक्टर-145 में हो रहा कूड़े का निपटान
फिलहाल, शहर भर का कूड़ा सेक्टर-145 में डाला जा रहा है, जहां करीब दो लाख मीट्रिक टन कूड़ा पहले से जमा है। अधिकारियों के अनुसार, इस कूड़े के निपटान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि शहर को स्वच्छ बनाया जा सके।
पांच हजार वर्गमीटर में बनेगा प्लांट
इस 40 टन क्षमता वाले टीपीडी प्लांट को 5000 वर्गमीटर के क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन भी करेगी और सेक्टर के आधार पर कूड़े का वैज्ञानिक निपटान सुनिश्चित करेगी। कंपनी को 15 साल तक प्लांट का संचालन करने की जिम्मेदारी दी जाएगी, और यदि प्रदर्शन संतोषजनक रहा तो इसे अगले तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
10 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
इस परियोजना के लिए करीब 10 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर टीपीडी प्लांट स्थापित करने की योजना भी जल्द शुरू की जाएगी।
28 फरवरी को खोली जाएगी बिड
नोएडा प्राधिकरण ने प्लांट निर्माण के लिए कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कंपनियां 27 फरवरी तक आवेदन जमा कर सकती हैं, और 28 फरवरी को बिड खोली जाएगी, जिसमें सबसे किफायती (लो-कॉस्ट) कंपनी का चयन किया जाएगा। अगले कुछ महीनों में इस परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, सेक्टर-43, 54, 145 और 168 में चार और टीपीडी प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिनकी क्षमता थोड़ी कम होगी।
नोएडा में 40 टन का यह टीपीडी प्लांट शहर की स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे न केवल कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निपटान होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। आने वाले समय में, अन्य सेक्टरों में भी इस तरह के प्लांट लगाने से शहर को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।