उत्तर प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस प्रयास के तहत प्रदेश में विश्वस्तरीय संस्थानों की स्थापना तथा युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं विदेशी तकनीकी विशेषज्ञता सुलभ कराने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और राज्य मंत्री रंजनी तिवारी ने जापान के यामानाशी प्रान्त के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और ग्रीन हाइड्रोजन और हाइड्रोजन फ्यूल के उत्कृष्टता केन्द्र (जापान) से उप्र के छात्रों को तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान और एक अंतरराष्ट्रीय हाइड्रोजन संगोष्ठी के माध्यम से यूपी-यामानाशी संबंध विकसित हेतु चर्चा हुई।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यामानाशी प्रांत के उप-गवर्नर को ओसादा कर रहे थे, जिनके साथ अंतरराष्ट्रीय रणनीति प्रभाग के निदेशक कोइची फुरुया और यामानाशी सरकार के सलाहकार नीरेंद्र उपाध्याय भी उपस्थित रहे। इस बैठक में शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने, अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय संस्थानों की स्थापना की संभावनाओं पर चर्चा हुई। मुख्य रूप से छात्र विनिमय कार्यक्रम, छात्रवृत्तियां और अकादमिक साझेदारियों पर विचार किया गया। योगेंद्र उपाध्याय ने ‘उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश में शिक्षा के अनुकूल वातावरण और अधोसंरचनात्मक सहयोग का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि हम यामानाशी प्रान्त के साथ छात्र विनिमय कार्यक्रमों और अकादमिक साझेदारी को सक्रिय रूप से बढ़ावा देंगे, जिससे जापानी छात्रों को उत्तर प्रदेश में सीखने और नवाचार करने का समृद्ध अनुभव मिलेगा। उन्होंने पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय के साथ नोएडा में परिसर स्थापित करने के हालिया समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभर रहा है। बता दे इससे पहले जापान के यामानाशी प्रान्त के उप राज्यपाल को ओसादा ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की थी।