जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप वन्य जीवों के संरक्षण के लिए एक स्थायी पशु पुनर्वास केंद्र का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है। यह केंद्र 258 काले हिरण और 176 सारस जैसे संकटग्रस्त वन्य जीवों के संरक्षण के लिए समर्पित होगा। परियोजना को जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मंजूरी मिल चुकी है और नोएडा प्राधिकरण द्वारा टेंडर प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है।
3.41 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा पुनर्वास केंद्र
इस केंद्र के निर्माण पर लगभग 3.41 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। प्रारंभ में इस कार्य की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई थी, जिसने इसके लिए 8 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था। लेकिन अब यह कार्य हॉर्टिकल्चर विभाग को सौंपा गया है, जो कम लागत में इसे पूरा करेगा।
स्थान: सेक्टर-17ए, धनौरी वेटलैंड के पास
संरक्षित होंगे 258 काले हिरण और 176 सारस
वन्य जीव संस्थान देहरादून द्वारा कराए गए एक अध्ययन में सामने आया कि नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण से आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन आ सकता है। इस क्षेत्र में वर्तमान में 258 काले हिरण और 176 सारस जैसे संरक्षित जीव मौजूद हैं, जिनके प्राकृतिक आवास के बिगड़ने की आशंका है। इन्हीं कारणों से पशु पुनर्वास केंद्र की जरूरत महसूस की गई।
पुनर्वास केंद्र में होंगी ये सुविधाएं:
टेंडर प्रक्रिया और निर्माण की समयरेखा
हॉर्टिकल्चर विभाग के निदेशक आनंद मोहन के अनुसार, 15 से 21 अप्रैल तक टेंडर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके बाद 23 अप्रैल को टेक्निकल बिड खोली जाएगी। जो फर्में टेक्निकल बिड में पात्र होंगी, उन्हें ही फाइनेंशियल बिड के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। निर्माण कार्य मई 2025 से आरंभ होने की संभावना है।
अब अस्थायी नहीं, बनेगा स्थायी केंद्र
पहले इसे केवल 5 साल के लिए अस्थायी पशु बचाव केंद्र के रूप में विकसित किया जाना था। लेकिन अगस्त 2024 में प्राधिकरण ने निर्णय लेकर 30 वर्षों के लिए लीज बढ़ा दी, जिससे यह एक स्थायी वन्य जीव संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र बन जाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी बड़ी परियोजनाओं के चलते जैव विविधता और पारिस्थितिकी पर असर पड़ना स्वाभाविक है। ऐसे में यह पुनर्वास केंद्र, वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम है।