लखीमपुर खीरी में आरएसएस से संबद्ध एक सीनियर लीडर की जमीन की नाप-जोख के मामले में हो रही देरी के चलते प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। यह प्रकरण पिछले छह वर्षों से लंबित था, और इस दौरान जितने भी अधिकारी इस मामले को देख रहे थे, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त धनश्याम सिंह (आईएएस), बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, और बुलंदशहर की एसडीएम रेनु (पीसीएस) शामिल हैं। यह सभी अधिकारी अपने लखीमपुर खीरी के कार्यकाल के दौरान इस मामले को टालते रहे।
इन अधिकारियों को फिलहाल राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। वर्तमान में ये चारों अधिकारी अलग-अलग जिलों में तैनात थे। राज्य सरकार का यह कदम दर्शाता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासतौर पर जब मामला संवेदनशील हो।