कानपुर के आसपास जिलों में बारिश होने और नरौरा व हरिद्वार से पानी छोड़े जाने से बैराज पर गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यह चेतावनी बिंदु के करीब 113.390 मीटर तक पहुंच गई हैं।
उत्तर प्रदेश के आस-पास के इलाकों में मानसूनी बारिश होने और इसी के साथ नरौरा और हरिद्वार से पानी छोड़े जाने से बैराज पर गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है जो कि चेतावनी बिंदु 113.390 मीटर के करीब पहुंच चुका है। ऐसे में शनिवार को गंगा बैराज के सभी 30 गेट को खोल दिया गया जिससे कानपुर में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। जिससे अटल घाट की सीढ़ियां अब पानी में डूब चुकी हैं।
सिंचाई विभाग ने कहा कि फिलहाल अभी ज्यादा तेजी से गंगा का जलस्तर तो नहीं बढ़ रहा है। लेकिन सतर्कता रखने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। फिर आगे बताया कि पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर करीब 28 सेमी बढ़ चुका है। शुक्रवार को दिन में, बैराज के अपस्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर समुद्र तल से 113.380 मीटर पर था। वहीं शाम के 6 बजे तक इसके जलस्तर में 10 सेमी. और बढ़ोतरी देखने को मिली।
गौरतलब है कि नरौरा बैराज से करीब 35,320 क्यूसेक पानी और हरिद्वार से 42,739 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके साथ ही आसपास के इलाकों में हो रही बारिश और रामगंगा, काली नदियों जैसी कई अन्य नदियों से पानी आने से बैराज के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए गंगा किनारे के घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दिया गया है।
सिंचाई विभाग और प्रशासन के अफसर लगातार बढ़ते जलस्तर पर नजरें बनाए हुए हैं। इसी के साथ गंगा के घाटों पर बसे लोगों से लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा जा रहा है। वहीं बाढ़ चौकियों पर तैनात गोताखोर व सुरक्षाकर्मी आम लोगों को गंगा नदी के पास जाने से रोक रहे हैं। जबकि बैराज पर बोटिंग खतरे को देखते हुए पहले ही प्रशासन ने बंद करवा दिया है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार कानपुर बैराज से इस सीजन में सबसे अधिक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। कानपुर से 1,83,655 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सभी 30 गेट की ओपनिंग भी बढ़ा दी गई है, ताकि पानी को नियंत्रित किया जा सके।