प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा से पहले वाराणसी के प्रशासनिक अमले ने पूरी ताकत झोंक दी है। काशी के मेहंदीगंज गांव में जहां पीएम मोदी की रैली होनी है, वहां खड़ी 20 बीघा गेहूं की फसल को मात्र 48 घंटे में काटकर किसानों के घर तक दाना-भूसा पहुंचाया गया। खास बात यह रही कि इसके लिए किसानों से कोई मुआवज़ा नहीं लिया गया।
सीएम योगी के निरीक्षण से पहले अफसरों में मची हलचल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम स्थल निरीक्षण की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई। बताया गया कि जहां प्रधानमंत्री की सभा प्रस्तावित है, वहां किसान उर्धवेंदु पांडेय के 16 बीघा और सुरेंद्र यादव के 4 बीघा खेत में फसल खड़ी थी। सीएम के आने से पहले यह पूरा क्षेत्र खाली कराना जरूरी था।
30 सरकारी कर्मचारी बने मज़दूर, दो दिन में पूरा किया काम
अधिकारियों ने तेजी दिखाते हुए पंचायत और तहसील के 30 कर्मचारियों को खेतों में भेजा। उन्होंने मजदूरों की तरह खड़ी फसल काटी, बंडल बनाए, थ्रेशिंग करवाई और गेहूं व भूसा किसानों के घर पहुंचाया। अब खेत समतल कर दिए गए हैं और हेलीपैड का निर्माण भी पूरा हो चुका है।
11-12 अप्रैल को पीएम मोदी करेंगे जनसभा, कई परियोजनाओं का लोकार्पण
वाराणसी के मेहंदीगंज गांव में 11-12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल जनसभा होनी है। इसके दौरान वे 2250 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रमुख परियोजनाएं:
- लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर टनल का शिलान्यास
- 450 मीटर लंबी टनल, 440 करोड़ रुपये की लागत
- 550 करोड़ रुपये का रनवे विस्तार
- टनल के बीच से गुजरेगा 4.5 किमी लंबा हाईवे
संपूर्णानंद स्टेडियम का कायाकल्प कार्य लगभग पूर्ण
- 320 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा आधुनिक स्टेडियम
- मोदी कर सकते हैं निरीक्षण
पीएम मोदी की जनसभा के जरिए पूर्वांचल को साधने की तैयारी
मेहंदीगंज गांव का चयन रणनीतिक रूप से अहम है, क्योंकि यह रिंग रोड से जुड़ा है और मिर्जापुर-भदोही सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह सभा पूर्वांचल के कई जिलों को प्रभावित करने वाली मानी जा रही है।