Sultanpur Loksabha Election 2024: आगामी आम चुनाव के लिए सपा से टिकट कटने के बाद भीम निषाद ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बयान दिया है। जिसमें पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय का नाम लेकर उन्होंने बड़ी बेबाकी से कहा कि वह शुरू से हमारे विरोधी रहे थे बस समय का इंतेजार कर रहे थे और फिर उन्होंने कहा कि ये अकेले मेरे विरोध में थे और कोई भी भाई मेरे विरोध में नहीं था।
भीम निषाद ने कहा कि वे चाहते थे कि मैं घर पर दरबार लगाऊं
भीम निषाद ने कहा कि वे चाहते थे मै अपने घर दरबार लगाऊं। हम अड़ियल हैं हम किसी के यहां दरबार नहीं करते हैं। जीवन रहे या मर जाऊंगा, लेकिन भीम निषाद झुकने वाला काम किसी भी रूप में नहीं करता है। उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश के निषाद समाज के सबसे बड़े नेता हैं। हमारे समाज में निषाद के जितने संगठन भी संगठन बनाए गए हैं सबकी मदद मैने किया है।
राम भुआल निषाद उनके आगे जीरो
भीम ने कहा कि राम भुआल भैया वहां गठबंधन में भी चुनाव लड़े हैं गोरखपुर में वो चुनाव हारे भी हैं। यहां बिरादरी कितना एक्सेप्ट करेगी ये हम नहीं बता पाएंगे। अपना-अपना स्वभाव होता है। वो यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि राम भुआल निषाद उनके आगे जीरो हैं। उन्होंने ये भी कहा कि गोरखपुर जमुना निषाद के लिअ जन्म भूमि के साथ कर्मभूमि भी है। जमुना निषाद की जब जमानत हो रही थी तो राम भुआल ने विरोध किया था। हमसे कहा था जमुना की जमानत मत कराओ भीम। उन्होंने कहा पार्टी मेरी है, मैं पार्टी के साथ रहूंगा। हमारे सारे कार्यकर्ता सपोर्ट करेंगे।
योगी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं राम भुआल
बता दें कि सपा ने 16 मार्च को भीम निषाद का टिकट सुलतानपुर से फाइनल किया था। अंबेडकर जयंती के मौके पर 28वें दिन उनका टिकट काटकर गोरखपुर से विधायक रहे पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद को अब सपा ने टिकट दिया है। रामभुआल निषाद गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा बनने के पूर्व कौड़ीराम विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वह साल 2007 में बनी बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
निषाद का गोरखपुर और आसपास अपनी बिरादरी में खासा असर माना जाता है। 2012 में वह बीजेपी से गोरखपुर ग्रामीण से टिकट की मांग कर रहे थे, पर उनकी जगह विपिन सिंह को प्रत्याशी बना दिया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में रामभुआल निषाद सीएम योगी के खिलाफ मैदान में उतरे और 176277 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
नोटों की गड्डी थमाते दिखे थे भीम निषाद
बीते दिनों पार्टी विधायकों को नोटों की गड्डी थमाते भीम निषाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस मामले को लेकर एफआइआर भी दर्ज किया गया है। फिर रविवार की देर शाम पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में रामभुआल निषाद को प्रत्याशी के रूप में उतारा गया।
15 दिन पहले ही समर्थकों के जरिए दबाव बनाने का किया था प्रयास
भीम निषाद के सुल्तानपुर से टिकट का ऐलान होने के साथ उनके टिकट कटने की भी चर्चाएं होने लगी थीं। ऐसे में करीब 15 दिन पहले टिकट बचाने के लिए भीम निषाद ने अपने समर्थकों को लखनऊ भेजकर यह संदेश देने का भी प्रयास किया कि उनका टिकट कटने से उनके समर्थक नराज हो सकते हैं। किंतु अंत में उनके विरोधी हाईकमान को यह बताने में सफल रहे कि भीम निषाद किसी एंगल से भाजपा की प्रत्याशी मेनका गांधी को टक्कर देने में काबिल नहीं हैं। ऐसे में किसी कद्दावर नेता को टिकट सौंपी जाए। और अंत में राम भुआल को इस सीट से सपा प्रत्याशी चुनती है।