जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाने की घटना ने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंदुत्व की राजनीति को फिर से धार देने का रास्ता खोल दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले समय में यह हमला ध्रुवीकरण की राजनीति को और तेज कर सकता है।
‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारों को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दे चुके हैं। अब पहलगाम की घटना के बाद इस नारे को हिंदू एकता का प्रतीक बनाकर जनता के बीच दोबारा जोरशोर से उठाया जाएगा। साथ ही इस मुद्दे को राजनीतिक तौर पर हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
RSS और विहिप की रणनीति सक्रिय
पीएम मोदी का सख्त संदेश: ‘मिट्टी में मिला देंगे’
बिहार की मधुबनी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आतंकियों और साजिशकर्ताओं को कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी। अब उन्हें मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।” यह बयान सीएम योगी के अतीक अहमद पर दिए गए पुराने बयान की याद दिलाता है, जब उन्होंने कहा था कि “माफिया को मिट्टी में मिला देंगे।”
राजनीति में ध्रुवीकरण के साफ संकेत
साइड इफेक्ट: वक्फ बिल आंदोलन स्थगित
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में माहौल को देखते हुए वक्फ बिल के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन को अस्थायी रूप से टाल दिया है। इससे साफ है कि पहलगाम घटना का प्रभाव सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर पड़ा है|