LS Election 2024: गाजीपुर से रहे सासंद और आम चुनाव 2024 में सपा के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की कानूनी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उनका राजनीतिक भविष्य पूरी तरह से इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय पर है जो कि जल्द आने वाले फैसले पर निर्भर है। बता दें कि आज भी अफजाल अंसारी की सुनवाई कोर्ट में होनी है।
वहीं गाजीपुर में आम वोटिंग को देखें तो मात्र 4 दिन शेष रह गया है। पिछले कई दिनों से अफजाल अंसारी को लेकर यह सस्पेंस लोगों और उनके कार्यकर्ता में बना हुआ है कि चार साल की सजा पाने के चलते क्या अंसारी इस सीट से चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस के पेंडिंग होने के चलते अफजाल तो सपा के चुनाव चिन्ह से मैदान में हैं पर एहतियातन उन्होंने अपनी बेटी नुसरत को भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नाामंकन पर्चा भरवाया है। बता दें कि गाजीपुर सीट पर नामांकन की समय सीमा और नाम वापस लेने के आखिरी तारीख के बाद भी यहां का कसमकस कम नहीं हो रहा वहीं यह भी संदेह बना हुआ है कि कहीं अफजाल के पक्ष में कोर्ट का फैसला न आने पर अंसारी अपनी बेटी नुसरत के पक्ष में लोगों से वोट देने की अपील न कर दें।
फिलहाल अब इस बात के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं कि कोर्ट का फैसला पेंडिंग रहे या उनके खिलाफ आए, पर अंसारी गाजीपुर के चुनावी मैदान से नहीं हटने वाले हैं। खबर आ रहा है कि अफजाल ने यह निर्णय परिवार से और अपने वकीलों से बातचीत करने के बाद लिया है।
अफजाल अंसारी के वकीलों ने मुकदमें से संबंधित राय देते हुए यह कहा कि यदि उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिलती है और उनकी अर्जी खारिज हो जाती है। तो, ऐसी अवस्था में वह सुप्रीम कोर्ट के पास जाएंगे क्योंकि उन्हें भरोसा है कि जैसे सुप्रीम कोर्ट ने गाजीपुर के ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाया था वैसे ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी उनको राहत दे सकता है। लेकिन, दोबारा चुनाव की नौबत यदि आती है तो अफजाल अपनी बेटी नुसरत को चुनावी मैदान पर खड़ा कर सकते हैं।
अफजाल अंसारी ये मानकर चल रहे हैं कि यदि गाजीपुर संसदीय सीट से दोबारा चुनाव करवाने की नौबत आई तो वे अपनी बेटी को यहां से खड़ा करेंगे जिससे उनके बेटी को सहानुभूति मिलेगी और वह चुनाव जीत पाएंगी। वहीं इस संबंध में मिली पुख्ता जानकारी के तहत कोर्ट से चाह् राहत मिले या न मिले पर अफजाल चुनावी मैदान से हटेंगे नहीं। वे अब बचे 4 दिनों में किसी भी रूप में बेटी नुसरत के लिए लोगों से वोट देने की अपील नहीं करेंगे।
अफजाल अंसारी ने संबंधित नेताओं और कानूनी सलाहकारों से जो सलाह ली है, उससे यह निर्णय निकलकर सामने आया है कि आम चुनाव 2024 में निर्दलीय चुनाव लड़ रही उनकी बेटी नुसरत को वोट ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है क्योंकि ऐसे वोटरों की संख्या ज्यादा है जो साइकिल के निशान को देखकर उसी सिंबल पर वोट देंगे जिससे वोट फंस जाएगा।
बता दें कि अफजाल अंसारी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज फिर जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच दोपहर दो बजे से सुनवाई शुरू करेंगी। आज के इस सुनवाई में अफजाल अंसारी के साथ ही यूपी सरकार और भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार की ओर से कोर्ट में अतिरिक्त दलीलें भी पेश करेंगे। वहीं यदि सुनवाई पूरी हो जाती है तो इस स्थिति में अदालत अपना जजमेंट रिजर्व कर लेगी।
अफजाल अंसारी को पिछले साल 29 अप्रैल को गैंगस्टर के एक मामले में चार साल की सजा सुनाई गई थी। 4 साल की सजा होने की वजह से अफजाल की लोकसभा की सदस्यता रद्द हो गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दिया जिससे इनकी सासंदी बहाल हो गई। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को, आगामी 30 जून तक का समय अफजाल अंसारी की याचिका पर सुनवाई पूरी करने और उसपर फैसला सुनाने को कहा है।