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Agra: महामाई कामाख्या देवी के जयकारों और 108 यज्ञ कुण्डों के प्रज्जवलन से शुरू हुआ महायज्ञ

महामाई कामाख्या देवी के उद्घोष और 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर समस्त वातावरण पावन और पवित्र हो गया। चारों तरफ महामायी कामाख्या और भैरव बाबा की ध्वजा पटकाएं लहराते नजर आई। बता दें कि आसाम व मिथिलानगरी से आए आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारम के साथ सर्वप्रथम गौ पूजन किया गया उसके बाद 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलन कर शुभ महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Agra: महामाई कामाख्या देवी के जयकारों और 108 यज्ञ कुण्डों के प्रज्जवलन से शुरू हुआ महायज्ञ

महामाई कामाख्या देवी के उद्घोष और 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर समस्त वातावरण पावन और पवित्र हो गया। चारों तरफ महामायी कामाख्या और भैरव बाबा की ध्वजा पटकाएं लहराते नजर आई। बता दें कि आसाम व मिथिलानगरी से आए आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारम के साथ सर्वप्रथम गौ पूजन किया गया उसके बाद 108 यज्ञ कुण्डों में अग्नि प्रज्ज्वलन कर शुभ महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ।

56 देवी-देवताओं की मूर्तियों का विधि विधान से पूजन

बता दें कि इस यज्ञ से पहले परिसर में 56 देवी देवताओं की मूर्तियों की विधि पूर्वक पूजन किया गया। वहां उपस्थित संत, स्वामी श्री कीर्तिनाथ जी महाराज जी के देख-रेख में प्रातः यज्ञ के बाद दोपहर दो बजे से फिर से यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारम के साथ महामायी के नाम की आहूतियां अग्नि में दी गई। भक्ति सागर के इस अवस्था में प्रत्येक श्रद्धालु को आनन्द का अनुभूति हुई।

वहीं दोपहर बेला में कथा वाचक संजय शात्री द्वारा श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का भक्तिमय और संगीतमय कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें माखनचोरी, कालिया नाग का मंथन जैसी सचित्र कथा का वर्णन हुआ जिसे सुनकर वहां बैठे हर श्रद्धालु भक्ति के सागर में भाव-विभोर हो गए। वहीं भक्तों ने कथा के साथ कीर्तन का भी आनंद लिया।

इस शुभ समय पर महत्वपूर्ण रूप से आयोजन समिति के मुरारी प्रसाद अग्रवाल, अजय गोयल, राहुल अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, पवन भदौरिया, सुनील पाराशर, डॉ. सुभाष भारती, प्रीतम सिंह लोधी, वीरेन्द्र मेड़तवाल, सीमा गोयल, रीया जैसे आदि अवसर में सम्मिलित हुए थे।

18 फरवरी को होना हो विराट सम्मेलन

इस महायज्ञ समिति के अध्यक्ष कान्ता प्रसाद अग्रवाल ने बताते हुए कहा कि यज्ञ परिवेश पर 18 फरवरी को साधू संतों के विराट सम्मेलन का आयोजन किए जाने का कार्यक्रम निर्धारित है। और इसमें उज्जैन, काशी, अयोध्या, मिथिला, आसाम और वृन्दावन सहित देश के विभिन्न तीर्थस्थलों से संबंधित 300 से अधिक साधु संत यहाँ आएंगे।

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