आगरा का सिंचाई विभाग इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। जिले के तमाम लोगों ने सिंचाई विभाग पर ऐसा आरोप लगाया है। यहां के लोगों का कहना है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी पैसे लेकर योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति की धज्जियां उड़ा रहे हैं। योगी सरकार सभी अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई का निर्देश दे रही है। लेकिव यहां का सिंचाई विभाग के अधिकारी अतिक्रमणकारियों से मोटी रकम लेकर कार्रवाई के बजाए अतिक्रमण की छूट दे रहे हैं।
सीएम योगी का निर्देश है कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तो वहीं आगरा जिले के मलपुरा ड्रेन पर लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में तमाम जगह अवैध पुलियाओं का निर्माण करा दिया गया है। इस पर जहां सिंचाई विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए तो वह गहरी नींद सो रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों की सह पर मलपुरा ड्रेन समेत तमाम नालों पर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। यहां के रहने वाले डॉक्टर सुनील चंद शर्मा का भी मलपुरा ड्रेन के पास प्लॉट है।
उन्होंने कई बार पुलिया का निर्माण करने के लिए सिंचाई विभाग में आवेदन किया। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने उनका आवेदन स्वीकृत नहीं किया। अधिकारियों पुलिया बनाने के एवज में लाखों रुपए की रिश्वत मांगी। जिसके बाद डॉक्टर सुनील चंद शर्मा द्वारा अन्य अतिक्रमणकारियों की तरह ही अवैध तरीके से पुलिया निर्माण करा लिया गया। सिंचाई विभाग द्वारा उस पुलिया निर्माण को तोड़ दिया गया। इसके बाद सुनील चंद शर्मा ने तमाम शिकायतें अन्य अवैध निर्माणों के खिलाफ कीं। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
शिकायतकर्ता डॉक्टर सुनील चंद शर्मा का कहना है कि हमने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को रुपए नहीं दिए इसलिए हमारे खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं मलपुरा ड्रेन पर दर्जनों पुलियाओं का निर्माण सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रुपए लेकर कराया है। डॉ सुनील चंद शर्मा के आरोप निराधार भी हो सकते हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सख्त आदेश हैं अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने के उसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी किस बात का इंतजार कर रहे हैं। और अभी तक अवैध अतिक्रमणकारियों के खिलाफ क्यों कार्यवाही नहीं की गई है। आखिर किसकी सह पर मलपुरा ड्रेन समेत तमाम जगहों पर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है।
आगरा से संवाददाता सैय्यद शकील की रिपोर्ट।