Varanasi Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों का प्रचार प्रसार अभियान पूरे वेग में है। इसी बीच अखिल भारत हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपने सम्मान को प्रदर्शित करते हुए Varanasi से अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने दूसरी पार्टियों से भी यह आग्रह किया कि वाराणसी से अपने उम्मीदवार वापस लेलें। उन्होंने कहा कि, ”आज अखिल भारत हिंदू महासभा के वाराणसी से उतारे गए अपने प्रत्याशी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सम्मान में वापस ले रहा है।”
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, ”मैं दूसरी पार्टियों के साथ-साथ इंडिया गठबंधन से भी यह आग्रह करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अपने प्रत्याशी का नाम वापस लेलें क्योंकि जब भारत में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव साउथ से चुनावी मैदान में थे तो उस समय उनके लिए अपने सम्मान को दिखाने के लिए सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी वापस ले लिए थे और वो उस वक्त वे वहां से निर्विरोध चुने गए थे।
चक्रपाणि महाराज ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई पार्टियों का वैचारिक मतभेद बेशक हो सकता है, हमें खुद राम मंदिर के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया था। मैं राम मंदिर का मुख्य पक्षकार था, हमें ट्रस्ट में स्थान देना तो दूर अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए निमंत्रण तक भी देने के लिए नहीं पूछा गया। मुझे भी इस सरकार से कहीं न कहीं थोड़ा दुख तो है ही लेकिन फिर भी ये सब बहुत छोटी लगती हैं जब व्यापक रुप से हम इनसब के बारे में सोचते और विचार करते हैं।
चक्रपाणि महाराज ने मोदी का बखान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में देश का डंका बजाया है। देश के गौरव और मान-सम्मान को शिखर पर पहुंचाया है। इसलिए हम निश्चित रुप से सभी पार्टियों के लोग से कहना चाहते हैं कि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देकर देश को सर्वोपरि रखना चाहिए। वो दूसरी संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशी को राजनीतिक मैदान में खड़े कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में बनारस के काशी की धरती से अपने सभी प्रत्याशी को हटा लेना चाहिए। यह एक प्रकार से देश के जनमानस के सम्मान के साथ-साथ लोकतंत्र का सम्मान भी होगा।