उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अंसल ग्रुप की धोखाधड़ी को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला बोलते हुए अंसल ग्रुप को सपा सरकार की उपज बताया। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को पाताल से भी खोज निकालेगी और यदि अंसल ग्रुप ने होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी की है, तो उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
इस बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पलटवार किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा – “अगर सब गलत था तो आप वहां अपना बुलडोजर लेकर जाते, कैंची लेकर उद्घाटन करने क्यों पहुंच गए? तब आपको नहीं मालूम था कि अंसल ग्रुप क्या कर रहा था?”
योगी का बयान – दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि अंसल ग्रुप ने होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी की। यह सब सपा सरकार के कार्यकाल में हुआ और उस समय अंसल की अवैध मांगों को पूरा किया गया। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अंसल ग्रुप ने किसी भी बायर्स के साथ फ्रॉड किया है, तो उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अंसल ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जा चुका है, और सरकार अब इस मामले में सख्त कदम उठाने जा रही है।
अखिलेश यादव का पलटवार – अपनी नाकामी छुपा रही सरकार
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस टाउनशिप पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं, उसी परिसर में बने मॉल और अस्पताल का उद्घाटन भाजपा सरकार ने खुद किया था। उन्होंने आगे कहा – “आपने उसी विशाल परिसर के नए होटल में G-20 के मेहमान ठहराए थे। यही वह जगह है, जहां अरबों रुपए का सच्चा इन्वेस्टमेंट आया। अब निवेशकों को हतोत्साहित करके प्रदेश का विकास नहीं होगा।”
अखिलेश ने सीधे सवाल उठाया – “अगर अंसल ग्रुप में गड़बड़ थी तो वहां बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया? उद्घाटन करते समय ये सब बातें क्यों नहीं आईं?” उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार सत्ता से बेदखल होने के डर से हड़बड़ाहट में है, और इसी वजह से इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं।
योगी के आदेश के बाद अंसल ग्रुप के खिलाफ FIR दर्ज
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) के अधिकारियों ने बैठक की। इस बैठक में अंसल ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्णय लिया गया। इसके बाद, LDA के अमीन अर्पित शर्मा की शिकायत पर गोमती नगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील गुप्ता, डायरेक्टर विनय सिंह और फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई।
आरोप:
NCLT ने अंसल ग्रुप को दिवालिया घोषित किया
अंसल ग्रुप के विवादास्पद इतिहास की ओर एक नजर
कैसे बढ़ा अंसल ग्रुप का प्रभाव?
घोटालों और जांच का सामना
सरकार ने कैसे दिया फायदा?
ऐसे में अब अंसल ग्रुप के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई तेज हो गई है। NCLT द्वारा कंपनी को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद LDA और निवेशकों की रकम फंस गई है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और अधिक राजनीतिक बयानबाजी और कानूनी कार्रवाइयां देखने को मिल सकती हैं।