अयोध्या को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि- ‘भाजपाई लालच ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो बाकी देश का क्या हाल कर रहे होंगे, ये कहने की बात नहीं। फिर आगें उन्होंने कहा कि भाजपा मतलब भू ज़मीन पार्टी’।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या को लेकर एक बार फिर से भाजपा को घेरने का प्रयास किया है। उन्होंने भाजपा पर करारा हमला करते भाजपा को भू जमीन पार्टी हताया फिर यह आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले अयोध्या में सस्ते दामों में जमीन खरीदवाया और फिर उसी जमीन पर सर्किल रेट में वृद्धि करके मुनाफा कमाया। आगे अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो देश के दूसरे हिस्सों का क्या हाल होगा आप समझ सकते हैं?
सपा अध्यक्ष अखिलेश ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि- भाजपाइयों ने अयोध्या में सस्ते में अपनों को जमीन खरीदवाया और जब बेचकर निकलने का समय आया तो भाजपा सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने का प्रबंध करवाया। अयोध्या की भूमि भाजपाई सौदेबाजी और मुनाफाखोरी की शिकार हुई है। अयोध्या की जनता तो पहले ही जान गयी थी कि भाजपा का अयोध्या से भावात्मक-भावनात्मक लगाव नहीं बल्कि ‘भू-नात्मक’ व ‘मुनाफ़ात्मक’ लोभ है।
यादव ने कहा कि- ‘भाजपाई लालच ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो बाकी देश का क्या हाल कर रहे होंगे, ये कहने की बात नहीं। भाजपा = भू ज़मीन पार्टी’। इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी को ज़िम्मेदार ठहराया है। पर ये पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव ने इस तरह के आरोप भाजपा पर लगाए हो। सपा अध्यक्ष अक्सर इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने की कोशिश में लगे रहते हैं।
यूपी की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से एक सीट अयोध्या की मिल्कीपुर सीट भी है। ऐसे में यहां का सियासी पारा हाई है। चुनाव को देखते हुए सपा और बीजेपी के बीच इस तरह की जुबानी जंग लगभग हर रोज देखने को मिल रही है। बता दें कि गुरुवार को सीएम योगी ने कानपुर में सपा की लाल टोपी का ज़िक्र करते हुए कहा था कि लाल टोपी वाले काले कारनामों के लिए जाने जाते हैं तो वहीं अब अखिलेश ने भाजपा को भू जमीन पार्टी बताकर घेरा है।
अयोध्या में भाजपा बैकफुट पर भी है, आम चुनाव 2024 में अयोध्या वाली फैजाबाद सीट पर बीजेपी को हार का स्वाद चखना पड़ा था। इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद सांसद बनें है। इस सीट पर हुई हार, बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है। ऐसे में बीजेपी इस हार का बदला मिल्कीपुर में जीत के साथ लेना चाहती है। वहीं सपा भी अपने गढ़ को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है।