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UP SP NEWS: अखिलेश प्रतिपक्ष नेता के लिए अपनाएंगे PDA फॉर्मूला! ये हैं रेस में आगे

Akhilesh takes a jibe at BJP and BSP in Ghazipur, says they are in collusion

Akhilesh takes a jibe at BJP and BSP in Ghazipur, says they are in collusion

अखिलेश यादव ने सासंद बनने के बाद करहल से विधायक की कुर्सी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यानी नेता विरोधी दल का पद खाली हो चुका है। ऐसे में पार्टी के अंदर ऐसे नेता की तलाश चल रही है, जो इस सीट पर बैठ सके और सपा के एजेंडे को धार देकर योगी सरकार को घेर सके।

वहीं सपा में फिलहाल सबसे मजबूत दावेदार शिवपाल यादव दिख रहे हैं क्योंक् वह पहले भी विरोधी दल के नेता रह चुके हैं। पर, सपा के राजनीतिक गलियारे में अखिलेश परिवारवाद का आरोप नहीं लेना चाहते हैं ऐसे में शिवपाल यादव को वह कुर्सी पर शायद ही बैठाएं।

प्रतिपक्ष नेता के लिए न तो शिवपाल ने हामी भरी है और न ही हां कहा है…

वहीं , शिवपाल यादव ने अभी तक इस संदर्भ में न तो हां कहा है और न ही न कहा है। वहीं ये भी चर्चा है कि अखिलेश सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज या राम अचल राजभर के नाम पर हामी लगा सकती है। इसी के साथ दो और नामों की चर्चा सुनाई दे रही है। ये मऊ के महमूदाबाद से विधायक राजेंद्र कुमार और बस्ती से विधायक राजेंद्र चौधरी हैं।

ऐसे में यह दावा किया जा रहा है कि, 2027 के विधानसभा की तैयारी में जुटी सपा एक बार फिर PDA के फॉर्मूले के अंतर्गत ही नेता विरोधी दल का चयन करेगी। इस संदर्भ में अखिलेश यादव ने मीडिया के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि- जल्द ही पार्टी बैठक कर नेता प्रतिपक्ष नेता का चयन कर लेंगे।

शिवपाल क्यों नहीं…

सपा अध्यक्ष ने यह साफ कर दिया है कि सांसद बनने के बाद वे दिल्ली से राजनीति करेंगे। वह सासंदीय चुनाव में विजयी हुए हैं। आपको बता दें कि आम चुनाव में सपा ने अपने परिवार से 5 लोगों को टिकट दे दिया जिसके चलते भाजपा ने परिवार को लेकर सपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

ऐसे में शिवपाल यादव को प्रतिपक्ष नेता बनाया गया, तो फिर से भाजपा को पार्टी के घेरने का मुद्दा मिल जाएगा। भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी यह कहने में कि अखिलेश यादव हटे तो उन्होंने अपने चाचा को आगे कर दिया।

इन नेताओं के नाम चर्चा में…

1. इंद्रजीत सरोज का नाम क्यों आ रहा है आगे

ये 5 बार विधायक रह चुके हैं और विरोधी दल पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा हैं। वहीं कौशांबी की मंझनपुर सीट के विधायक इंद्रजीत सरोज वर्तमान में विधानसभा में विपक्ष के उपनेता सदन हैं। आपको बता दें कि बसपा की मायावती सरकार ये समाज कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं।

राजनीतिक को लेकर अच्छी खासी जानकारी है, 1985 से 2017 तक बसपा में काफी एक्टिव रहे है। बहुजन मूवमेंट की राजनीति में विश्वास रखते हैं। उनके पास संगठन और सरकार के अंदर कामकाज करने का अनुभव भी है। इसी के साथ इंद्रजीत सरोज ने अपनी उपयोगिता और भूमिका 2024 के लोकसभा चुनाव में बेटे पुष्पेंद्र सरोज को चुनाव जितवाकर दिखाई। पासी जाति से आने वाले इंद्रजीत सरोज सपा के PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के फॉर्मूले में बिल्कुल फिट बैठते हैं।

2. रामअचल राजभर

पिछड़ी जाति से संबंध रखने वाले अंबेडकरनगर की अकबरपुर सीट से विधायक रामअचल राजभर भी नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं। 6 बार के विधायक, राजभर 2007 से 2012 तक मायावती सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। वहीं अखिलेश यादव इस बार अति पिछड़े या दलित नेता को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयोग कर रहे। 2024 के लोकसभा टिकट को बांटते हुए उन्होंने परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य सभी सीटों पर विभिन्न वर्ग के लोगों को उतारा और ओबीसी वर्ग के अन्य जातियों के उम्मीदवारों को मौका दिया है। जिसका फायदा उन्हें चुनाव में भी देखने को मिला।

विधान परिषद में मिलेगा मुस्लिम नेता?

सपा को 2 साल बाद यूपी के विधान परिषद में फिर से नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने वाला है। आपको बता दें कि जुलाई, 2022 में सपा के 10 फीसदी से कम सदस्य रह जाने के चलते यह पद लाल बिहारी यादव से छिन गया था। गौरतलब है कि 100 सीटों वाली विधान परिषद में अब सपा के फिर से 10 सदस्य बन जाएंगे। ऐसे में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की रेस में शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।

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