उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या में दिए गए एक बयान को लेकर सियासी हलचल मच गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी ने एक कार्यक्रम में बांग्लादेश और संभल में हुई हिंसा की तुलना करते हुए डीएनए का मुद्दा उठाया। उनके इस बयान के बाद विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अयोध्या में राम कथा पार्क में आयोजित रामायण मेले के उद्घाटन के दौरान सीएम योगी ने कहा, “जो लोग भगवान राम और माता जानकी के प्रति श्रद्धा नहीं रखते, उन्हें शत्रु की तरह त्याग देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि “1990 में राम भक्तों ने जो नारा दिया था, ‘जो राम का नहीं, वह हमारे किसी काम का नहीं’, यह राजनीति के सच्चे आदर्श का प्रतीक है।”
बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि बाबर के सिपहसालार ने 500 साल पहले अयोध्या और संभल में जो किया था, वही काम आज बांग्लादेश में हो रहा है। उनका यह बयान “डीएनए एक जैसा है” को लेकर विवाद बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा “डीएनए की बात मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देती। अगर आपको डीएनए का इतना शौक है तो मैं भी अपना टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं और आप भी अपना टेस्ट कराइए।”
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “अयोध्या की जनता ने साबित कर दिया है कि योगी जी राम के नहीं हैं। अगर वह राम के मार्ग पर होते तो अयोध्या में उनके प्रति जनता का रवैया अलग होता।”
वहीं दूसरी ओर सीएम योगी के बयान ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है और अब यह देखना होगा कि इस विवाद का उत्तर प्रदेश की राजनीति में कितना असर पड़ेगा।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav