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UP Akhilesh News: अखिलेश यादव के पास बिना हारे सबसे ज्यादा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड

Akhilesh Yadav has the record of winning most elections without losing

Akhilesh Yadav has the record of winning most elections without losing

UP Kannauj News: आम चुनाव 2024 के अंतर्गत हुए चुनाव में यूपी में सपा को 80 संसदीय सीटों में से 44 सीटें भाजपा के विपक्षी पार्टी के खेमें में गई हैं। जिनमें से सपा के खेमें में 37, कांग्रेस के खेमे में 6 और आजाद समाज पार्टी से एक सांसद दिल्ली पहुंचे हैं।

भारत गणराज्य में नई सरकार के गठन के बाद 18 जून 2024 से लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में कन्नौज ससंदीय सीट के खाते में एक खास नगमा जुड़ने जा रहा है। कन्नौज से निर्वाचित सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली के संसद में यूपी के विपक्षी सासंदो में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। वहीं यूपी से सपा और कांग्रेस पार्टी से जितने भी नेता चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे हैं उनमें से सबसे ज्यादा चुनाव जीतने वाले नेता अखिलेश हैं।

कांग्रेस के राहुल गांधी भी पांचवीं बार चुनाव जीते हैं, पर पिछला चुनाव वह यूपी के अमेठी से हार गए थे और केरल के वायनाड से चुने गए थे। आम चुनाव 2024 के अंतर्गत हुए चुनाव में यूपी में सपा को 80 संसदीय सीटों में से 44 सीटें भाजपा के विपक्षी पार्टी के खेमें में गई हैं। जिनमें से सपा के खेमें में 37, कांग्रेस के खेमे में 6 और आजाद समाज पार्टी से एक सांसद दिल्ली पहुंचे हैं।

पहली बार 2000 में जीते थे अखिलेश यादव चुनाव

कन्नौज सीट से चौथी बार जीते अखिलेश यादव पिछली बार 2019 में आजमगढ़ से चुनाव जीते थे। वह पहली बार 2000 के उपचुनाव में कन्नौज से विजयी हुए थे। इसके बाद वह जब-जब लोकसभा का चुनाव लड़े हैं, हर बार जीत का स्वाद चखा है। गौरतलब है कि 2014 में प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के चलते वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। जबकि 2009 में तो वह कन्नौज के साथ ही फिरोजाबाद से भी चुनावी मैदान में थे। वहीं दोनों जगह से जीत कर, कन्नौज की सीट को बरकरार रखी थी और फिरोजाबाद से इस्तीफा सौंपा था। इस तरह देखें तो वह पांच चुनाव में छह चुनाव जीत चुके हैं।

जहां से लड़े नहीं हारे अखिलेश

अखिलेश यादव अब तक पांच बार आम चुनाव और एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार उन्हें कामयाबी मिली है। उन्होंने लोकसभा का पहला चुनाव कन्नौज से 2000 में लड़ा था और जीता था। उसके बाद 2004 और 2009 में भी लगातार चुनाव जीते थे। 2014 में वे प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे, इसलिए लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। 2019 में आजमगढ़ से चुनाव लड़े और विजयी हुए।

फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से जीते। अब 2024 में फिर कन्नौज से लड़कर जीते हैं। उनके पास लोकसभा में हैट्रिक जीत के साथ-साथ, पांच साल तक उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने का भी अनुभव रहा है।

डिंपल और धर्मेंद्र चौथी बार बने हैं सांसद

सपा खेमे से अखिलेश यादव के बाद उनकी पत्नी डिंपल यादव और भाई धर्मेंद्र यादव चौथी बार सांसद निर्वाचित हुए हैं। डिंपल यादव 2012 और 2014 में कन्नौज से सांसद चुनी गई थीं। उसके बाद 2022 के उपचुनाव में मैनपुरी से जीतीं और अब 2024 में फिर से लगातार चुनाव जीता है। धर्मेंद्र यादव 2004 में मैनपुरी से जीते थे। 2009 और 2014 में बदायूं से सांसद बने थे। 2019 में वहां से हारने पर इस बार आजमगढ़ से लड़कर चौथी बार सांसद बने हैं।

आधे से ज्यादा पहली बार बने सांसद

सपा से जो 37 उम्मीदवार जीते हैं, उनमें से ज्यादातर पहली बार ही सांसद बने हैं। जिसमें खुद उनके भाई आदित्य यादव बदायूं से पहली बार जीतकर दिल्ली पहुंच रहे हैं।

इसके साथ-साथ कैराना से इकरा हसन, रामपुर से मुहिबुल्ला नदवी, संभल से जियाउर्रहमान बर्क, मुरादाबाद से रुचिवीरा, आंवला से नीरज मौर्य, धौरहरा से आनंद भदौरिया, इटावा से जितेंद्र दोहरे, एटा से देवेश शाक्य, बांदा से कृष्णा पटेल, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, प्रतापगढ़ से एसपी सिंह पटेल, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, मोहनलाल गंज से आरके चौधरी, कौशांबी से पुष्पेंद्र सरोज, मछलीशहर से प्रिया सरोज, जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा सम्मिलित हैं।

पहले के चुनाव में भी जीतने वालों में, अखिलेश यादव, डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव के अलावा अक्षय यादव, अफजाल अंसारी, राम शिरोमणि वर्मा का नाम शामिल रहा है।

कांग्रेस खेमे से राहुल अनुभवी

यूपी से चुने गए विपक्षी खेमे से कांग्रेस सांसदों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सबसे अनुभवी नेता हैं। वह यूपी से चौथी बार सांसद बने हैं। पिछला चुनाव वह केरल राज्य के वायनाड से जीते थे। वह अपनी सीट अमेठी से हैट्रिक लगाने के बाद 2019 में चौका लगाने से चूक गए थे और भाजपा की स्मृति ईरानी ने बाजी मारी थी। इस बार वह पड़ोस की सीट रायबरेली से सांसद चुने गए हैं। उनकी पार्टी के बाकी के पांच सदस्यों में अमेठी, इलाहाबाद, बाराबंकी, सीतापुर और सहारनपुर के सांसद पहली बार आम चुनाव जीते हैं।

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