Budaun LS Election 2024: आम चुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव ने शनिवार को यूपी में सपा प्रत्याशी आदित्य यादव के समर्थन में सहसवान के नाधा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर सियासी तीर छोड़े। फिर चचेरे भाई आदित्य यादव के पक्ष में जनता को वोट देने की अपील करी।
बदायूं के सहसवान के नाधा में, आयोजित चुनावी सभा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बदायूं वो क्षेत्र है जहां पर समाजवादियों को ताकत मिलती है। फिर उन्होंने कहा कि गुन्नौर के बाद अगर सबसे बड़ी जीत आम चुनाव 2024 में होने जा रही है तो वह सहसवान विधानसभा क्षेत्र है। अब ये तो देखने वाली बात होगी कि सहसवान के लोग ज्यादा मतों से जिताएंगे या फिर जसवंतनगर के लोग। वहीं बदायूं की जनता को लेकर कहा कि इन्होंने इतना प्यार दिया है कि अब चाचा सहसवान के रंग में रंग चुके हैं।
अखिलेश यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सात तारीख को होने वाले आम चुनाव में भाजपा को सात समंदर दूर फेंक देना है। यह तीसरा चरण उनका सफाया करने जा रहा है। इन्होंने किसी भी वर्ग को नहीं छोड़ा है, जिससे नकली बात न कही हो। यही लोग कहते थे कि हम आएंगे तो आपकी आय आय दोगुनी कर देंगे। पर किसान जब हिसाब-किताब लगाता है तो उसको घाटा सहना पड़ रहा है।
फिर सपा मुखिया ने कहा कि जो लोग कहते थे कि आय दोगुनी कर देंगे, वो लोग किसानों की जमीन हड़प लेना चाहते थे और यही लोग तीन काले कानून भी लाए थे। पर किसानों के आंदोलन और एकता के चलते इन्हें कानून वापस लेने पड़े थे लेकिन अभी हमारी लड़ाई उनसे खत्म नहीं हुई है। यह वही लोग हैं जो MSP की गारंटी नहीं दे रहे हैं। वहीं यदि हमारी सरकार सत्ता में आती है तो एमएसपी कानून का हक हम आपको दिलाएंगे। वहीं कोविड वैक्सीन को लेकर भी भाजपा पर सियासी वार करते हुए कहा कि इस सरकार से सिर्फ संविधान को ही नहीं, हम सब के जान को खतरा है।
बदायूं चुनावी सभा में सपा के महासचिव शिवपाल सिंह यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी, लक्ष्मण यादव, पूर्व विधायक हाजी बिट्टन, पूर्व मंत्री ओमकार सिंह यादव, आशीष यादव, बाबर मियां, सतीश यादव, मांगेराम कश्यप, नवाब सिंह ने भी विरोधियों को करारा जवाब देने का आह्वन किया।
सपा प्रत्याशी आदित्य यादव ने कहा कि सहसवान अपना रिकॉर्ड फिर बनाएगा। भाजपा ने नौजवानों की अनदेखी की है। बेरोजगारी चरम पर चली गई है। बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई मुद्दा है। ये चुनाव संविधान खत्म करने के प्रयास को विफल करने का भी चुनाव है। नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में कहा था कि मुझे प्रधानमंत्री मत समझना, मुझे चौकीदार समझना जबकि आज किसान अपने खेत में सिर्फ चौकीदार बन गया है।