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UP News: अखिलेश यादव ने सपा कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, अयोध्या में गरीबों की जमीन छीनने वालों को भगवान श्रीराम नहीं बख्शेंगे

अयोध्या में किसानों और गरीबों की जमीन को सस्ते दामों पर लेकर महंगे दामों में बेचने का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जिन लोगों ने गरीबों और किसानों की जमीन छीनकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है, उन्हें भगवान श्रीराम कभी माफ नहीं करेंगे।

सपा कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या में गरीबों और किसानों की जमीन सर्किल रेट से कई गुना कम कीमत पर ली गई और बाद में इसे ऊंची कीमत पर पूंजीपतियों को बेच दिया गया। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार और अन्याय का एक बड़ा उदाहरण है।

किसानों की समस्याएं और आरोप

अयोध्या से आए किसानों ने अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि प्राधिकरण उनकी जमीनें जबरन ले रहा है और उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसान पवन पांडे ने कहा कि उनकी जमीन को बिना मुआवजा दिए लिया जा रहा है। गरीब किसानों से पांच लाख रुपये प्रति बिस्वा की दर से जमीन खरीदी गई और बाद में होटल और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 1.81 करोड़ रुपये प्रति बिस्वा की दर से बेची गई।

किसानों ने कहा कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे कौड़ियों के भाव जमीन लिए जाने का विरोध कर रहे हैं। कई किसानों ने बताया कि वे सौ से दो सौ साल से जमीन पर खेती कर रहे हैं, लेकिन उनकी जमीन को नजूल बताकर जबरन लिया जा रहा है।

गरीबों की स्थिति और भ्रष्टाचार के आरोप

पूजा वर्मा, जो अयोध्या की मूल निवासी हैं, ने बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद उन्होंने बीमा के पैसे से जमीन खरीदी थी। लेकिन अब उनकी जमीन को आवास विकास प्राधिकरण द्वारा बहुत कम कीमत में लेने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस अन्याय के चलते उनके बच्चों की पढ़ाई और बेटी की शादी खतरे में पड़ गई है।

एक अन्य किसान, राम यादव, ने कहा कि माया जमतरा में सरकार 2000 किसानों को उजाड़ रही है। उनकी जमीन को नजूल बताकर फ्री में लिया जा रहा है, जबकि यही जमीन बैंक लोन के लिए स्वीकार्य है। टेंट सिटी के नाम पर किसानों को बेघर किया जा रहा है।

सपा का वादा और भाजपा सरकार पर निशाना

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की जमीन छीनकर उन्हें भूमिहीन बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर किसानों को उनकी जमीन से बेदखल कर रही है। सपा अध्यक्ष ने वादा किया कि जब भी उनकी सरकार बनेगी, किसानों को बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अयोध्या में दुनिया भर के लोगों की आस्था है, लेकिन सरकार वहां के मूल निवासियों को उजाड़ रही है। उन्होंने मांग की कि सर्किल रेट को छह गुना बढ़ाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए।

आस्था और विकास के बीच संतुलन की जरूरत

अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या को वर्ल्ड क्लास बनाने की जरूरत है, लेकिन इसके लिए गरीबों और किसानों की बलि नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन स्थानों पर आश्रम बनने चाहिए, वहां फाइव स्टार होटल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि अगर होटल में बार नहीं होंगे तो क्या उन्हें फाइव स्टार का दर्जा मिलेगा?

भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज

अयोध्या के व्यापारी नेता रतन जायसवाल ने बताया कि उनकी जमीन को भी आवास विकास प्राधिकरण ने जबरन ले लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पांच लाख रुपये प्रति बिस्वा की दर से जमीन लेकर इसे करोड़ों रुपये में बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अन्याय और भ्रष्टाचार का मामला है।

किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि आवास विकास प्राधिकरण नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहा है। गरीब किसानों से जबरन जमीन छीनकर इसे पूंजीपतियों और होटल मालिकों को बेचा जा रहा है।

किसानों की मांगें

किसानों ने कहा कि अगर सरकार उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दे, तो वे इसे बेचने को तैयार हैं। लेकिन सरकार कौड़ियों के भाव जमीन लेकर उनके साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने मांग की कि जिस भाव पर जमीन उद्योगपतियों को बेची जा रही है, उसी भाव पर किसानों से भी खरीदी जाए।

भविष्य की रणनीति और सपा का समर्थन

अखिलेश यादव ने कहा कि सपा किसानों के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों और किसानों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है।

उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थन का भी जिक्र किया और कहा कि सपा कांग्रेस के विरोध में नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा को हराने के लिए आप पार्टी का समर्थन करना जरूरी है।

अयोध्या में गरीबों और किसानों की जमीन के मुद्दे ने एक बार फिर से सरकार और प्रशासन की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों का कहना है कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनके साथ न्याय होना चाहिए। सपा ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

अगर यह समस्या जल्द ही सुलझाई नहीं गई, तो यह न केवल किसानों के जीवन को प्रभावित करेगी, बल्कि सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाएगी। किसानों और गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा करके उन्हें भूमिहीन बनाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं कहा जा सकता।

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