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Mahakumbh Nagar: मौनी अमावस्या स्नान में हुए भगदड़ पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना, की 5 अहम अपील

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के दिन भगदड़ मचने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस हादसे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए पांच अहम अपील की है।

अखिलेश यादव ने सरकार से की 5 प्रमुख अपील

अखिलेश यादव ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सरकार से मांग की कि—

1. गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को एयर एंबुलेंस के जरिए सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में जल्द से जल्द इलाज के लिए भेजा जाए।

2. मृतकों के शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंपने की व्यवस्था की जाए और शवों को उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध किया जाए।

3. जो श्रद्धालु इस भगदड़ में बिछड़ गए हैं, उन्हें उनके परिवार से मिलाने के लिए तत्काल प्रयास किए जाएं।

4. मेले की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हेलीकॉप्टर से निगरानी बढ़ाई जाए।

5. ‘शाही स्नान’ की पारंपरिक परंपरा को सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए राहत कार्यों के साथ-साथ सुव्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।

श्रद्धालुओं से भी की अपील

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रद्धालुओं से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में श्रद्धालुओं को धैर्य रखना चाहिए और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए जाएं।

अखाड़ों के स्नान को लेकर संशय

भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ों के शाही स्नान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने पहले घोषणा की थी कि स्नान रद्द कर दिया गया है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि अखाड़े स्नान करेंगे और इस संबंध में सरकार से चर्चा जारी है।

मेला प्रशासन की अपील

कुंभ मेले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और सभी घाटों को संगम घाट मानकर वहीं स्नान करें जहां वे पहुंचें।

गौरतलब है कि मौनी अमावस्या के एक दिन पहले तक लगभग 4.83 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके थे। इससे पहले मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था।

महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ एक गंभीर प्रशासनिक चूक को दर्शाती है। इस घटना से सीख लेते हुए सरकार को कुंभ मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर और अधिक पुख्ता इंतजाम करने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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