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UP Politics: योगी के लाल टोपी बयान पर अखिलेश का पलटवार, कहा- लाल रंग है मिलन का प्रतीक

After losing seats in general elections, BJP eyes 9 assembly seats of UP in by-elections

कानपुर में सीएम योगी के लाल टोपी, काले कारनामे वाले बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए पलटवार करते हुए कहा कि- अच्छा या बुरा कोई रंग नहीं होता, बल्कि नजरिया होता है।

लाल रंग मिलन का प्रतीक

अखिलेश ने कहा कि- लाल रंग मिलन का प्रतीक होता है। जिनके जीवन में प्रेम-मिलन, मेल-मिलाप का अभाव होता है, वो अक्सर इस रंग के प्रति दुर्भावना रखते हैं। यही नहीं, जिनके जीवन में ममत्व या सौभाग्य तत्व का अभाव होता है, वो काले रंग के प्रति दुर्भावना पाल लेते हैं।

अखिलेश ने कहा- सांड भी लाल रंग देखकर भड़कता है

शुक्रवार को अखिलेश ने X पर लिखा- रंगों का मन-मानस और मनोविज्ञान से गहरा नाता होता है। अगर कोई रंग किसी को विशेष रूप से प्रिय लगता है, तो इसके विशेष मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। अगर किसी रंग को देखकर कोई भड़कता है, तो उसके भी कुछ नकारात्मक मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं।

लाल रंग शक्ति का धारणीय रंग है, इसीलिए कई पूजनीय शक्तियों से इस रंग का सकारात्मक संबंध है। मगर जिन्हें अपनी शक्ति ही सबसे बड़ी लगती है, वो लाल रंग को चुनौती मानते हैं। इसी संदर्भ में मनोवैज्ञानिक मिथक भी है कि शक्तिशाली सांड भी लाल रंग देखकर भड़कता है।

‘काला रंग’ विशेष रूप से सकारात्मक है। जैसे बुरी नजर से बचाने के लिए होता है। सुहाग के प्रतीक मंगलसूत्र में भी काले मोतियों का प्रयोग होता है। बच्चों की भी काला टीका लगाया जाता है। इसलिए, जिनके जीवन में ममत्व या सौभाग्य तत्व का अभाव होता है। वो मनोवैज्ञानिक रूप से काले रंग के प्रति दुर्भावना पाल लेते हैं।

पश्चिम में काला रंग नकारात्मक का प्रतीक

अखिलेश ने आगे लिखा कि पश्चिम में काला रंग नकारात्मक शक्तियों और राजनीति का प्रतीक रहा। जैसे- तानाशाही फांसीवादियों की काली टोपी। मानवता और सहृदयता विरोधी फांसीवादी विचारधारा, जब अन्य देशों में पहुंची तो उसके सिर पर भी काली टोपी ही रही। नकारात्मकता और निराशा का रंग भी काला ही माना गया है। इसलिए जिनकी राजनीतिक सोच ‘डर’ और ‘अविश्वास’ जैसे काले-विचारों से फलती-फूलती है। वो इसे सिर पर लिए घूमते हैं।

ऐसे लोगों के मन-हृदय को परिवर्तित करने के लिए बस इतना समझाना होगा कि ‘काले रंग की अंधेरी रात के बाद ही लालिमा ली हुई। ‘सुबह’ का महत्व होता है, ये पारस्परिक रंग-संबंध ही जीवन में आशा और उत्साह का संचार करता है।

सच तो ये है कि हर रंग प्रकृति से ही प्राप्त होता है और सकारात्मक लोग किसी भी रंग को नकारात्मक नहीं मानते हैं। रंगों के प्रति सकारात्मक विविधता की जगह; जो लोग नकारात्मक विघटन-विभाजन की दृष्टि रखते हैं, उनके प्रति भी बहुंरगी सद्भाव रखना चाहिए क्योंकि ये उनका नहीं, उनकी प्रभुत्ववादी एकरंगी संकीर्ण सोच का कुपरिणाम है। ऐसे लोगों के मन-हृदय को परिवर्तित करने के लिए बस इतना समझाना होगा कि ‘काले रंग की अंधेरी रात के बाद ही लालिमा ली हुई सुबह’ का महत्व होता है, ये पारस्परिक रंग-संबंध ही जीवन में आशा और उत्साह का संचार करता है।

सीएम ने कल कहा था- सपा वालों का काले कारनामों से इतिहास भरा पड़ा

गुरुवार को सीएम योगी कानपुर में थे। उन्होंने सीसामऊ में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- इतिहास के पन्नों को पलट कर देखिए तो पता चलेगा कि सपा वालों का काले कारनामों से इतिहास भरा पड़ा है। लाल टोपी वाले लोग काले कारनामों के लिए ही जाने जाते हैं, लेकिन अब कानून व्यवस्था कैसी होने चाहिए, यह यूपी तय करता है।

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