13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का आयोजन शुरू होने जा रहा है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस विशाल आयोजन की सुरक्षा के मद्देनजर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है और उन्हें हाथरस में हुई भगदड़ की घटना से सीखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए हैं।
हाथरस की घटना का जिक्र
कोर्ट ने हाथरस में जुलाई 2024 में हुए भगदड़ की घटना को याद करते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन को इससे सबक लेना चाहिए। उस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी, और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यह हादसा उस समय हुआ था जब सत्संग से लौटते वक्त लोग आपस में टकरा गए थे। कोर्ट ने यह कहा कि यदि सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही होती है, तो ऐसे हादसे से बचा नहीं जा सकता।
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने महाकुंभ के आयोजन के दौरान सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाएगा, यदि यह सकुशल संपन्न हो। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी व्यवस्थाएं सही रहें।
आदेश की कॉपी भेजने के निर्देश
कोर्ट ने महाकुंभ की व्यवस्था से जुड़े आदेश की कॉपी प्रयागराज के डीएम, कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और यूपी के प्रमुख सचिव गृह को भेजने के आदेश दिए हैं। ये सभी अधिकारी महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी श्रद्धालु की जान-माल को कोई नुकसान न हो।
हाथरस भगदड़ मामले पर कड़ा रुख
कोर्ट ने हाथरस की भगदड़ मामले पर कड़ा रुख अपनाया और तत्कालीन डीएम और एसपी को 15 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि यह घटना प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई थी, तो इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह आदेश महाकुंभ 2025 की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक अहम दिशा निर्देश साबित हो सकता है। कोर्ट ने अधिकारियों को ध्यान रखने के लिए स्पष्ट संदेश दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए। महाकुंभ के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।