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Mahakumbh 2025: अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण का अनोखा स्वरूप, बुलेट पर करते हैं भ्रमण

महाकुंभ 2025 में संतों और बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण, जो अपने अनोखे कृष्ण स्वरूप और बुलेट पर भ्रमण करने की वजह से चर्चा में हैं। उनके पूरे शरीर पर भगवान कृष्ण की वेशभूषा रहती है। सिर पर मोर पंख, हाथ में मुरली और आंखों पर चश्मा उनके व्यक्तित्व को और आकर्षक बनाते हैं।

महाकाल के दर्शन ने बदली जीवन की दिशा

अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण ने बताया कि 18 साल पहले उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर ने उन्हें दर्शन दिए और उनके जीवन का मार्ग बदल दिया। महाकाल ने उन्हें भक्ति और सनातन धर्म के प्रचार का संदेश दिया। तब से वह इसी स्वरूप में रहते हैं और लोगों को आनंदित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

सनातन धर्म का जागरण और कुंभ की भव्यता

स्वामी श्री कृष्ण का कहना है कि वर्तमान समय में सनातन धर्म जागृत हो रहा है। उन्होंने महाकुंभ 2025 को 144 साल बाद पृथ्वी पर आया एक दुर्लभ आयोजन बताया। उनका मानना है कि यह कुंभ पहले की तुलना में अधिक भव्य और आनंदमय है। उन्होंने कहा, “अगर पिछले कुंभ को 50 अंक मिलते थे, तो इस कुंभ को 100 अंक दिए जा सकते हैं। यहां की सड़कें और व्यवस्था पहले से बेहतर हैं।”

तीन नियम और भक्ति का महत्व

अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण अपने जीवन में तीन कार्य नहीं करते—वे बांसुरी नहीं बजाते, चश्मा नहीं उतारते, और किसी से पैसे नहीं लेते। उन्होंने लोगों से भगवान का भजन करने का आग्रह किया। उनका कहना है कि “हरे कृष्णा महामंत्र” का जाप करने से 16 मालाओं का पुण्य प्राप्त होता है। यह मंत्र इस प्रकार है:
“हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे।”

प्रसन्न रहने का संदेश

अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण ने कहा कि जीवन में प्रसन्न रहना आवश्यक है। उन्होंने बताया, “जो भाग्य में लिखा है, उसे तो भोगना ही पड़ेगा। इसलिए हर परिस्थिति में खुश रहिए और भगवान का नाम लीजिए।”

कुंभ में आने का आह्वान

स्वामी श्री कृष्ण ने सभी भक्तों से महाकुंभ में स्नान करने और भगवान के भजन में लीन होने का आग्रह किया। उन्होंने इसे जीवन को आनंदित और धन्य बनाने का सर्वोत्तम मार्ग बताया।

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