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Amethi LS Election 2024: कभी गांधी परिवार का पर्याय रही अमेठी सीट अब बड़ी दीदी बनाम छोटी दीदी से उद्घोषित

Amethi seat, once synonymous with Gandhi family, is now declared as Badi Didi vs Chhoti Didi

Amethi seat, once synonymous with Gandhi family, is now declared as Badi Didi vs Chhoti Didi

Amethi News: उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट कही जाने वाली अमेठी संसदीय सीट कभी गांधी परिवार का पर्याय मानी जाती थी। पर 25 साल बाद आम चुनाव 2024 में गांधी परिवार ने अपने वफादार किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अमेठी से राजनीतिक मैदान पर उतारा है। जिनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नेता स्मृति जूबिन इरानी से है। वहीं प्रियंका गांधी निरंतर अमेठी में प्रचार-प्रसार और रैलियों को संबोधित कर रही हैं। वहीं आम जन भाजपा और कांग्रेस के सवाल पूछने पर यही कह रहे हैं कि वास्तव में यहां को चुनाव तो बड़ी दीदी स्मृति बनाम छोटी दीदी प्रियंका गांधी का है शेष सब तो मोहरे हैं।

लड़ाई बड़ी दीदी बनाम छोटी दीदी

उत्तर प्रदेश की अमेठी ससंदीय सीट से भले ही गांधी परिवार ने अपने वफादार किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी के रूप में मैदान पर बाजी मारने के लिए उतारा हो, पर असल में यहां खेला कुछ और है। यह खेला कुछ और नहीं बल्कि, राजनीतिक खेला यहां बड़ी दीदी स्मृति ईरानी जूबिन बनाम छोटी दीदी प्रियंका गांधी वाड्रा के मध्य है। अमेठी से मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी को हराने के लिए प्रियंका गांधी ने पूरा जोर लगा दिया है।

यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उनकी मुख्य दावेदार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हैं न कि किशोरी जी। फिर उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि मेरी दावेदार प्रियंका गांधी वाड्रा हैं, और वह मंच के पीछे से लड़ रही हैं। कम से कम उनका भाई राहुल गांधी तो सामने से लड़ रहा था।

प्रियंका, रायबरेली और अमेठी सीटों के लिए कर रही प्रचार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दो संसदीय सीटों- रायबरेली और अमेठी के लिए दिन-रात प्रचार कर रही हैं। दोनों सीटों से गांधी परिवार या उनके सहयोगियों ने लंबे समय तक प्रतिनिधित्व किया है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद रही हैं। वहीं खुद राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से करीब एक लाख वोटों से जीते थे। पर 2019 में वह स्मृति ईरानी से 52 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। हालांकि, उस समय के तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख ने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा था और उन्होंने वहां से जीत हासिल की और इस तरह 2019 में वे अमेठी से हारने के बाद संसद सदस्य बने रहे।

2004 में राहुल गांधी का अमेठी से राजनीतिक सफर की शुरुआत

राहुल गांधी ने 2004 में अमेठी(तब ये सुल्तानपुर जिले का हिस्सा था) से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इससे पहले उनकी मां सोनिया गांधी अमेठी से सांसद रह चुकी हैं। बता दें कि चल रहे सात चरण के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी फिर से वायनाड से मैदान पर उतरे। जहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान संपन्न हुआ था। वहीं कुछ दिनों बाद कांग्रेस ने उन्हें रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया।

गौरतलब है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा में चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी। इस बीच कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी में ईरानी के खिलाफ नामित किया था। आपको बता दें कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा।

अमेठी सीट से बेशक गांधी परिवार ने किशोरी लाल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान पर उतारा हो पर जमानी हकीकत यह है कि यहां की कमान को पूरी तरह से प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाल रखा है। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी की आगामी 4 जून को जब पूरे देश में एक साथ आम चुनाव 2024 की मतगणना होगी तो यह सीट कांग्रेस के पक्ष में जाएगी या फिर भाजपा अपना झंडा फहराने में कामयाब होगी।

खैर अभी पांचवे चरण का मतदान 20 मई को होना है और उसके बाद दो चरण के मतदान और रह जाएंगे। ऐसे में कुछ भी कहना मधु-मक्खी के छत्ते में हाथ डालना है जिससे कानूनी और राजनीतिक रूप से दूर ही रहना सही है।

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