LS Election 2024: आगामी आम चुनाव 2024 के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह कल कानपुर में पदाधिकारियों से बात करेंगे। वे कानपुर में रात्रि प्रवास भी कर सकते हैं। बता दें कि वे कल रविवार को इटावा में पहले तो जनसभा को संबोधित करेंगे फिर उसके बाद वे सीधे कानपुर पहुंचेंगे। वे वहां करीब शाम 5 बजे कानपुर पुलिस लाइन पर बनाए गए हेलिपैड पर उतरेंगे फिर इसके बाद वो तिलक नगर स्थित होटल विजय विला में पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति तॉका जायजा लेंगे।
इस बैठक में पदाधिकारियों को बुलाया गया है
कानपुर क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि शाह चौथे चरण में होने वाले आम चुनाव के तहत कानपुर, बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र की लोकसभा सीटों के स्थिति का जायजा लेने के लिए पदाधिकारियों से बात करेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय प्रभारी और क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ साथ क्लस्टर इंचार्ज, लोकसभा क्षेत्रों के चुनाव संचालन समिति के लोकसभा प्रभारी, संयोजक, बूथ प्रबंधन प्रमुख एवं जिलाध्यक्ष गण भी सम्मिलित होंगे। वहीं अमित शाह के प्रस्तावित कार्यक्रम व रात्रि विश्राम को देखते हुए दिए गए निर्देशानुसार तैयारियां की जा रही हैं।
पार्टी प्रत्याशी को इस मीटिंग में आने से मना किया गया है
बता दें कि अमित शाह मिश्रिख, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर नगर और अकबरपुर लोकसभा के प्रभारी एवं संयोजक, विधानसभा प्रभारी एवं संयोजक, जिलाध्यक्षों एवं वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। जिसमें प्रत्याशियों के आने पर रोक है। इस मीटिंग में अवध क्षेत्र के पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
पार्टी में अंतरकलह होने से जनसमर्थन कम
भाजपा से मिले सूचनाओं के मुताबिक कानपुर नगर और अकबरपुर सीट से भाजपा के अंदर ही मनभेद चल रहा है। वहीं मनभेद इतना ज्यादा हो गया है कि भाजपा के कई विधायक ही प्रत्याशियों को सपोर्ट करने के लिए मंच पर आने से कन्नी काट रहे हैं। जो आ भी रहे हैं वो केवल यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे पार्टी के साथ हैं पर जमीनी स्तर पर मामला कुछ और ही है जिसके कारण प्रत्याशियों के लिए जनसमर्थन लाना मुश्किल हो रहा है।
प्रत्याशियों ने इस मसले को लेकर प्रदेश प्रभारी से की थी शिकायत
सूत्रों के माने तो प्रत्याशियों ने पार्टी में भीतरघात को लेकर प्रदेश प्रभारी को सीधे शिकायत की थी। फिर इसकी रिपोर्ट अमित शाह को सौंपी गई। जिसके बाद खुद अमित शाह भीतरघातियों को कड़ा मैसेज देने के लिए कानपुर में बैठक कर रहे हैं। वहीं अमित शाह के आने को लेकर, कई नेता प्रत्याशियों के समर्थन में जुट गए हैं ताकि उनके सामने उनकी स्थिति कमजोर न हो जाए।
चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी इस मुद्दे से निपटेगी
आम चुनाव 2019 में भी पार्टी में भीतरघात को लेकर अमित शाह को कानपुर दौरा करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने कई नेताओं को कड़ा मैसेज दिया था। इस बार भी माहौल कुछ ऐसी ही परिस्थितियां की तरफ इशारा कर रहा है। सूत्रों की माने तो यदि यहां से खड़े किए गए प्रत्याशी मैदान हार जाते हैं तो आलाकमान चुनाव बाद बड़ी कड़ाई से भीतरघातियों से निपटने के फिराक में है।