
नोएडा: एमिटी इंस्टीटूयट ऑफ एडवांस रिसर्च एंड स्टडीज के डॉ वीके जैन और उनकी टीम ने गंदे पानी से बिजली बनाने और प्योरीफिकेशन टेक्नोलॉजी का आविष्कार किया है। एमिटी की टीम ने कालिंदी कुंज के गंदे पानी से बिजली (Light From Dirty Water) बनाई और साथ ही उस पानी को साफ कर सिंचाई के काबिल भी बनाया।
इस टेक्नोलॉजी को पुणे के डेक्कन वॉटर ट्रीटमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Daccon Water Treatment PVT LTD) को ट्रांसफर कर दिया गया है। अब पुणे में बड़े लेवल पर गंदे पानी से बिजली बनाने का काम किया जाएगा। गंदे पानी का इस्तेमाल खेत में सिंचाई के लिए किया जा सकेगा। डेक्कन वाटर ट्रीटमेंट प्राइवेट लिमिटेड इस टेक्नोलॉजी को विकसित कर हाई पॉवर की बिजली बनाएगा और पानी की सफाई करेगा।
एमिटी यूनिवर्सिटी के डॉ वीके जैन ने कहा कि उन्होंने कई टेक्सटाइल उद्योगों से गंदे पानी का सैंपल लिया और इस टेक्नोलॉजी के जरिए उसमें मौजूद सभी डाइ और रासायन को बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि साफ किए गए पानी का इस्तेमाल बगीचे और बाथरूम में किया जा सकता है।
डॉ सुमन ने बताया कि पानी जितना गंदा होगा उतनी ही ज्यादा बिजली बनाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी पर वह दो साल से लगातार काम कर रहे थे। अब जाकर उन्हें कामयाबी हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए पांच लोगों की टीम लगातार लगी हुई थी। बिजली बनाने की यह टेक्नॉलोजी बहुत ही सस्ती है। इसमें बस इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल किया जाता है, बाकी किसी भी चीज की जरूरत इसमें नहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी से साफ किए गए पानी को आरओ से और साफ करके पीने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।