सुल्तानपुर के ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए ‘अमृत सरोवर योजना’ लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत तालाबों की खुदाई कर उन्हें अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाना है। हालांकि, इन सरोवरों के निर्माण की रफ्तार अत्यंत धीमी है।
निर्माण प्रक्रिया में रुकावटें
गांवों में कुछ जगह मिट्टी की पटाई हो रही है तो कुछ जगह सीढ़ियों का निर्माण चल रहा है। अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं का अभाव भी निर्माण प्रक्रिया में देरी का कारण बन रहा है। जमीन की खुदाई की गति अत्यंत धीमी है और अधिकारियों की मॉनीटरिंग में कमी भी निर्माण कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही है।
करौंदीकला ब्लॉक की स्थिति
करौंदीकला ब्लॉक के चतुर्भुजपुर गांव में दो साल बाद भी अमृत सरोवर और खेल के मैदान का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। यहाँ जेसीबी मशीन से खुदाई का काम किया गया था, लेकिन यह अभी भी अधूरा है।
बजट खर्च के बावजूद अधूरे कार्य
अमृत सरोवर के निर्माण के लिए लगभग 15 लाख रुपए का बजट निर्धारित था, जो कि पूरी तरह से खर्च हो चुका है। बावजूद इसके, खुदाई, इंटरलॉकिंग पटरी और सीढ़ियों का निर्माण अभी भी लंबित है।
संभावित भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनदेखी
गांव में समतलीकरण के नाम पर कथित रूप से अनियमितताएं भी देखी जा रही हैं। बिना मजदूरों के ट्रैक्टर से समतलीकरण कर, मोबाइल से श्रमिकों की तस्वीर अपलोड कर धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। बीडीओ प्रमोद पांडेय ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन जाँच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार, अमृत सरोवर योजना की धीमी प्रगति और प्रशासनिक अव्यवस्थाएं जल संरक्षण के इस महत्वाकांक्षी प्रयास में बाधा बन रही हैं।