महराजगंज जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित निचलौल नगर पंचायत क्षेत्र में सरकारी भूमि पर जिला प्रशासन के आदेश के बाद से बंद अवैध बूचड़खाना को चलाने वालों ने एक बार फिर जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर भरी आबादी में खोलने का प्रयास कर रहे हैं। लोहिया नगर के रहने वाले नागरिकों को जब इस बात की भनक लगी तो वो लोग एक होकर आबादी के बीचों बीच इस अवैध बूचड़खाना को बंद करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर आला अधिकारी तक अपनी फरियाद लेकर पहुंचे।
इस सूचना पर जब यूपी की बात की टीम पहुंची तो स्थानीय निवासियों ने बताया कि सरकारी भूमि पर नागरिकों की सुविधाओं का ख्याल न रखते हुए 15 वर्ष पूर्व स्थानीय पार्षद द्वारा बूचड़खाना खुलवाया गया था। लेकिन उस वक्त यहां कोई रहता नहीं था। धीरे धीरे समय के साथ लोगों ने रहना शुरू कर दिया और साथ ही तीन तीन स्कूल खुल गये।
गांव वालों ने बताया कि बूचड़खाना पर आये दिन बाहरी लोग गाली गलौज करते थे। आपस में लड़ाई-झगड़ा करते रहते थे, साथ ही साथ मांस के टुकड़े इधर-उधर बिखरे रहते थे। छोटे बच्चों और स्कूल जाने वाली लड़कियों के साथ ही आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। उन्होंने आगे कही कि हम लोगों ने जनवरी में जिलाधिकारी से मिलकर इस अवैध बूचड़खाना को बंद करा दिया था। लेकिन पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों के एक समूह के सहयोग से ये अवैध बूचड़खाना खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
गांव वालों ने कहा कि हम सभी निवासी हिंदू-मुस्लिम एक होकर अपने लोहिया नगर में अवैध बूचड़खाना खोलने का विरोध करेंगे। जरुरी हुआ तो इसके लिए आमरण अनशन से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी परेशानियों से अवगत कराया जाएगा, कि किस प्रकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिशासी अधिकारी के सह पर दोबारा ये बूचड़खाना खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
ब्यूरो हेड गोरखपुर मंडल प्रदीप श्रीवास्ताव की रिपोर्ट।