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Loksabha Election : लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को एक और झटका, बिजनौर सांसद मलूक नागर RLD में हुए शामिल

आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के महामुकाबले पर नजर रख रहे राजनीतिक पण्डितों के लिए प्रदेश के विभिन्न दलों के नेताओं की चुनावी तिकड़म को समझना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर करीब -करीब हाशिये पर आ चुकी बहुजन समाजवादी पार्टी के लिए अपने नेताओं का मोहभंग तो हो ही रहा है साथ ही होने व दूसरे दलों का दामन थामने से पार्टी का कुनबा भी छोटा होता जा रहा है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Loksabha Election : लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को एक और झटका, बिजनौर सांसद मलूक नागर RLD में हुए शामिल

बीएसपी को लग रहे एक के बाद एक झटके से मुकाबला के दिलचस्प रहने की उम्मीद

तो 2024 के लोकसभा चुनाव के महासमर से पहले उत्तर -प्रदेश में राजनीतिक जमीन तलाश रही बीएसपी मायावती को एक और बड़ा झटका लगा है.जब बिजनौर से सांसद मलूक नागर बीएसपी से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए है.  दरअसल ऐसा इसीलिए भी हुआ क्योंकि बीएसपी ने इस बार मलूक नागर का टिकट काट दिया था। इस कारण वे बसपा से नाराज चल रहे थे और उनके लिए आम चुनाव से पहले कोई मुफीद मौका भी नहीं हो सकता था और यूपी के बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मलूक नागर बीएसपी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल का  दामन थामने से पहले एक बार भी नहीं सोचा  और  आरएलडी चीफ जयंत चौधरी की उपस्थिति में उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया। .

18 साल बाद मलूक ने किया यह फैसला

तो आपको बता दें कि मलूक नागर ने उक्त फैसला 18 साल के लम्बे समय के बाद लिया है। देश के सबसे सबसे अमीर  सांसदों में शुमार मलूक  नागर जो कि  देश के सर्वाधिक अमीर सांसदों में भी शुमार हैं हाल के दिनों में ईडी द्वारा लगातार दिए जा रहे छापे के कारण परेशान भी हो चुके थे।

 

मलूक ने कहा  पार्टी को छोड़ने के लिए मुझे किया गया था मजबूर

 

मालूक नागर ने बीएसपी छोड़ते हुए कहा कि वह पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हैं. मलूक का परिवार लंबे समय से बीएसपी का हिस्सा रहा है. वह खुद दो बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव हारने के बाद सांसद बने, लेकिन अब उन्होंने पाला बदलने का फैसला किया है.17वीं संसद में सबसे ज्यादा मुद्दे उठाए।

 

मलूक नागर का जीवन परिचय संक्षेप में

 

17वीं संसद में सबसे ज्यादा 854 मुद्दों को उठाने वाले मलूक नागर का जन्म हापुड़ के शकरपुर में हुआ. 1980 में हाईस्कूल और 1985 में बीएससी की डिग्री करने के बाद उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया ।

 

आयकर विभाग ने मारा था छापा

 

आपको बता दें कि मलूक नागर उत्तर प्रदेश के बड़े कारोबारियों में शामिल हैं. और 2019 में हुए एक खुलासे में  उन्होंने खुद अपनी कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपए के करीब बताई थी.जिसमें  115 करोड़ की अचल संपत्ति भी शामिल है. वहीं , उनके ऊपर 101 करोड़ रुपए का बैंक कर्ज होना भी बताया जा  रहा है .।  एसबीआई ने उनके और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपए का वसूली नोटिस भी जारी किया था.।   इसके बाद आयकर विभाग ने उनके कुछ ठिकानों पर छापेमारी की थी.

 

क्यों छोड़ी मलूक नागर ने छोड़ी बीएसपी

 

मलूक नागर ने लिखा कि मजबूरी में उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ रही है. अपने  दो पन्ने की चिट्ठी में  उन्होंने लिखा कि उनका परिवार करीब 39 साल से लगातार बीएसपी का हिस्सा रहा है. इस दौरान उन्हें ब्लॉक प्रमुख, चेयरमैन, विधायक, मंत्री, सांसद और कई अन्य अहम पदों पर रखा गया, लेकिन पहली बार वह कोई चुनाव नहीं लड़ पाए. इस कारण 18 साल तक पार्टी के प्रति निष्ठा जताने वाले  नागर ने पार्टी आलाकमान  का आभार जताते हुए बीएसपी छोड़ने का फैसला लिया  .

 

 

 

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