देश में 21-22 जून के मध्य रात्रि को एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 के नोटिफिकेशन को जारी कर दिया है। यह कानून भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए लागू किया गया है।
इस कानून के अंतर्गत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ करने पर, कम से कम 3 साल जेल की सजा का प्रावधान है। जिसे ₹10 लाख तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक और बढ़ाया जा सकता है।
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर यदि दोषी पाया जाता है तो उसपर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल होता है, तो उससे परीक्षा में लगने वाली पूरी लागत वसूली जाएगी।
NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों के बीच सरकार द्वारा यह कानून लाने का फैसला एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों और मामले से निपटने के लिए कोई ठोस कानून नहीं था।
पब्लिक एग्जामिनेशन एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। जिसपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया पर सरकार ने नोटिफिकेशन 21 और 22 जून के रात में जारी किया।
इस कानून में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षाएं शामिल हैं। केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इसी कानून के दायरे में पूरी कराई जाएंगी। इसके तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
गौरतलब है कि, मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली NEET परीक्षा, गड़बड़ी को लेकर विवादों से घिरी हुई है। केंद्र की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने इस साल 5 मई को यह एग्जाम करवाया था। इसमें करीब 24 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इसका रिजल्ट 4 जून को आया था।
इसमें 67 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने सौ फीसदी स्कोर किया यानी 720 नंबर की परीक्षा में उन्होंने पूरे 720 नंबर प्राप्त किए है। वहीं नीट परीक्षा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे सौ फीसदी नंबर लाए हैं। जबकि साल 2023 में सिर्फ दो छात्रों को सौ फीसदी नंबर मिले थे।
फिर इसके बाद पता चला कि 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। लेकिन बाद में पता चला कि परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। ऐसे में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद केंद्र ने ग्रेस मार्क्स वाले 1563 स्टूडेंट्स के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए और 23 जून को दोबारा इनकी परीक्षा लेने की बात कही।
वहीं NEET में गड़बड़ी और री-एग्जाम की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 5 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा। परंतु, कोर्ट ने एग्जाम को रद्द करने और 6 जुलाई से होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है।