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UP News- कर्मचारी ध्यान दें! हर हाल में आज जमा करें संपत्ति का ब्यौरा, वरना रुक जाएगी सैलरी।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है. जानकारी अपलोड करने की आज यानि 30 सितंबर आखिरी तारीख है।

By: Priya Tomar  RNI News Network
Updated:
UP News- कर्मचारी ध्यान दें! हर हाल में आज जमा करें संपत्ति का ब्यौरा, वरना रुक जाएगी सैलरी।

UP News उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है. जानकारी अपलोड करने की आज यानि 30 सितंबर आखिरी तारीख है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बीते दिनों राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक आदेश जारी किया गया था।

जिसमें सभी कर्मचारियों से अगस्त की आखिरी तारीख तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा गया था. बाद में कुछ विभागों के कर्मचारियों की तरफ से तय समय पर संपत्ति की जानकारी नहीं दी जा सकी थी।

सरकार ने विवरण की तारीख को बढ़ाई थी 

जिसके बाद सरकार ने विवरण जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी. ऐसे में कर्मचारियों के पास संपत्ति की सारी जानकारी जमा करने की आखिरी तारीख 30 सितम्बर है।सरकार ने राज्य के 20 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया था।

लेकिन 60 हजार कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं जमा किया। अगर 30 सितंबर तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाएं तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी. ऐसी स्थिति के लिए कर्मचारी खुद जिम्मेदार होंगे।

संपत्ति का विवरण पोर्टल करना होगा जमा 

कर्मचारियों को ये जानकारी मानव संपदा के पोर्टल पर संपत्ति का विवरण अपलोड करना होगा। ऐसे में जो कर्मचारी 30 तक पोर्टल पर विवरण नहीं जमा करेंगे, उनकी सितंबर की सैलरी रोक दी जाएगी।
इन विभाग के कर्मचारियों से मांगा गया है विवरण ।

हालांकि यूपी सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले कर्मचारियों की सैलरी अभी तक नहीं रोकी है, हालांकि,अगर अब कर्मचारी निर्धारित समय तक संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, तो उनकी सैलरी रोक दी जाएगी।

आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं. इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. जिन विभागों द्वारा ब्यौरा दिया है, उनमें टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग, शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग शामिल हैं।

THIS POST IS WRITTEN BY ABHIJEET KUMAR YADAV

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