गोरखपुर में बाढ़ की समस्या निरंतर बनी हुई है। मानसूनी बारिश के साथ नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण राप्ती नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। जिससे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं।
गोरखपुर में बाढ़ की समस्या निरंतर बनी हुई है। मानसूनी बारिश के साथ नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण राप्ती नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। जिससे निचले इलाकों में जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं।
यूपी में जो दो नेताओं की लड़ाई दिखाई जा रही है, वह दो नेताओं की नहीं, दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई है। सपा पर पहले आरोप लगाते थे कि हमारे पास केवल M-Y (मुस्लिम-यादव) वोट बैंक हैं। सपा ने उनके M-Y यानी मोदी-योगी को हराने के लिए रणनीति बदली और PDA बनाया। यूपी में सांप्रदायिकता का दीया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है।
कांवड़ रूट पर नेम प्लेट विवाद को लेकर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर जवाब दाखिल किया है। जिसमें योगी सरकार ने कहा है कि, कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने के सामान में लोगों को भ्रम पैदा होता है। खासकर प्याज-लहसुन के संबंध में झगड़ा देखने को मिलता है।
खास स्थानों, प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए गठित उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपी एसएसएफ) की द्वितीय वाहिनी गोरखपुर में है। अभी यह वाहिनी अपना कामकाज पीएसी कैम्पस से कर रही है लेकिन आने वाले समय में इसकी खुद की हाईटेक बिल्डिंग होगी।
यूपी के ललितपुर में बारिश के कारण बाढ़ जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो चुकी है। इसी के साथ गोविंद सागर बांध के 16 द्वार खोलने पड़े हैं। ऐसे में सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया है और नाले पूरी तरह से चोक हो चुके हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखकर 12वीं क्लास तक के विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी गई है।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान हो चुका है। ये परीक्षा अगस्त में 5 दिन- 23 से 31 अगस्त के बीच संपन्न होगी। जन्माष्टमी के चलते 4 दिन का गैप रहेगा। परीक्षा 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को होगी।
प्रयागराज में लुप्तप्राय हो रहे पनियाले को योगी सरकार फिर से पुनर्जीवन देने जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पहले से ही जुड़ा हुआ है और पहले से ही इस संदर्भ में अपना काम कर रहा है।
सरकारी कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सीएम योगी का एक्शन प्लान हमेशा ऑन रहता है। हालिया घटनाक्रम में योगी सरकार ने जनपद चित्रकूट के तहत स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही पर एक्शन लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार बहुत जल्द संविदा और आउटसोर्सिंग भर्तियों में रिजर्वेशन देने का सोच रही है। कई नेता इस मुद्दे पर पहले ही सरकार पर दबाव बना रहे हैं। अब, सरकार ने भी आरक्षण व्यवस्था बहाल करने का मन बना लिया है। विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव से पहले यह व्यवस्था लागू हो सकती है।
गरीबों के हित में सरकार कई योजनाएं लागू करती रहती है, ऐसी ही आयुष्मान योजना भी है जिसे केंद्र ने गरीबों के अच्छे इलाज के लिए धरातल पर लाया है। इसी संदर्भ में कानपुर के 16 प्राइवेट अस्पतालों ने आवेदन पत्र भरा था। पर जब जिलाधिकारी के आदेश पर अस्पतालों की जांच के लिए अस्पतालों में एडीएम की टीम पहुंची तो कई खामियां मिलीं।
भले ही अयोध्या में मां सरयू प्रवाहमान हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ सरकार रामनगरी में विकास की गंगा का अवतरण कराने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। हाल ही में गठित हुए अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद भी योजनाओं का पिटारा खोलने जा रहा है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक कर 110 करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दे सकते हैं।
जन सामान्य और अन्नदाता किसानों के द्वारा साधारण मिट्टी का खनन एवं परिवहन किए जाने के संबंध में योगी सरकार की ओर से जारी निर्देशों के क्रम में अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और परमिट की प्रक्रिया के विषय में पूरी जानकारी दी गई है। इसमें भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा जारी पूर्व के शासनादेश का संदर्भ दिया गया है।
जनता की समस्याओं को सुनने और समय पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गुड गवर्नेंस की अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरण करते हुए सरकार ने प्रदेश भर की विभिन्न तहसीलों में तैनात उपजिलाधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदार को अब उसी तहसील में निवास करने का आदेश जारी किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के युवाओं को विभिन्न सेक्टर में स्किल्ड बनाने के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में अब संस्कृति विभाग की तरफ से उप्र राज्य ललित कला अकादमी ने भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ मिलकर युवाओं को दृश्यकला से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है।
गोरखपुर में बाढ़ के प्रभाव से आम लोगों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों को एक तो मानसूनी बारिश और दूसरा नेपाल से छोड़े गए पानी के तबाही से सामना करना पड़ रहा है। वहीं राप्टी नदी का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में स्थानीय इलाकों में जलभराव की स्थिति लगातार बनी हुई है।